मसूरी। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के सामुदायिक भवन में बीपीपीआई के तत्वाधान में भारतीय जन औषधि केंद्र का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रिबन काटकर किया।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के सामुदायिक भवन परिसर में खोले गये भारतीय जन औषधि केंद्र के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा कि जन औषधि केंद्र क्षेत्र की जनता को आवश्यक औषधि सस्ते दाम पर उपलब्ध करायेगा व इसका लाभ आम जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जन औषधि केंद्र आम जनता को लाभ देने के लिए पूरे भारत वर्ष में शुरू किया है। यहां पर अकादमी के निदेशक की देखरेख में यह औषधि केंद्र चलेगा।
ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के सीईओ सचिन सिंह ने बताया कि यह परिसर अकादमी ने निःशुल्क उपलब्ध कराया है जिसमें प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व व रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के माध्यम से जन औषधि केंद्र का सफल संचालन बीपीपीआई कर रहा है। बताया कि पूरे देश में 6135 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 800 से अधिक उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक औषधियां आम जनता को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। गत वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्र के माध्यम से 450 करोड़ की बिक्री हुई जिससे 250 करोड़ की सीधी बचत हुई है वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्ष्य को दुगना करना है। बताया कि वर्ष 2014 में 80 जन औषधि केंद्रो तथा मात्र सात करोड़ रुपये की बिक्री से लेकर 6135 केंद्रो के माध्यम से 450 करोड़ की बिक्री कर सर्वकल्याणकारी परियोजना के माध्यम से आमजन को मंहगी दवाइयों से राहत देने का प्रयास किया। इसमें चिकित्सकों का सराहनीय व विशेष योगदान है जिन्होंने इन केंद्रों के प्रति जनता को जागरूक करने का काम किया और अब जनता भी जागरूक हो रही है। बताया कि जन औषधि केंद्र ग्रामीण अंचल तक पहुंचे इसके लिए सचिव भारत सरकार ने सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा कि वह राज्य के सीएचसी व पीएचसी में स्थान उपलब्ध करायें जहां पर जना औषधि केंद्र खोलकर जनता को सस्ती दवाओं का लाभ दिया जा सके। बताया कि यह प्रधानमंत्री की महतवकांक्षी योजना है जिसमें दवायें डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइउ होती है तथा एनएबीएल एक्रोटेट लैब में सेंपल लेने के बाद ही बाजार में उपलब्ध करायी जाती हैं। जो गुणवत्ता युक्त होती हैं तथा बाजार में मिलने वाली प्राइवेट कंपनियों की दवाओं से भारी सस्ती होती हैं। सीनेट्री नेपकिन बाजार में सात से आठ रुपए का मिलता है यहां एक रुपए का मिलता है। वहीं दवाओं के दामों में भी भारी अंतर है। यहां खोले गये जन औषधि केंद्र में अकादमी के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही आम जनता को भी दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस मौके पर अकादमी के निदेशक संजीव चोपड़ा, प्रबंधक प्रतीक मिश्र, नरेंद्र पडियार, पुष्पा पडियार, प्रदीप भंडारी, अनिल कंडारी, लीला कंडारी, कविता भंडारी, शूरवीर भंडारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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