
सूरज की पहली किरण धरती को छूने से पहले ही भारतीय सशस्त्र बलों ने एक ऐसा कदम उठाया, जिससे पाकिस्तान के भीतर तबाही मच गई. कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ भारत ने एक निर्णायक हमला किया, जो सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की ताकत का एक छोटा सा नमूना है.
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने को निशाना बनाते हुए भारतीय वायुसेना ने मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले किए. उन हमलों में नौ प्रमुख आतंकी ठिकाने तबाह हो गए, और लगभग 30 आतंकवादियों का सफ़ाया हुआ. यह हमला केवल पाकिस्तान की सरहदों में सीमित नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ और भी सशक्त और निर्णायक रूप से खड़ा है.
कैसे सफल हुआ ऑपरेशन सिंदूर?
इस बहादुरी के पीछे सिर्फ़ ताकत नहीं थी, बल्कि एक गहरी खुफिया रणनीति भी थी. नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने पाकिस्तान और पीओके के अंदर आतंकवादियों की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी. हर एक कदम, हर एक हरकत को बारीकी से ट्रैक किया गया. भारत को इन ठिकानों के बारे में सटीक और सही जानकारी दी गई, जो भारतीय सेना के लिए अमूल्य साबित हुई.
कब हुई स्थापना?
यह कहानी एक ऐसी एजेंसी की है, जो पर्दे के पीछे से भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक अहम काम करती है. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन. इसकी स्थापना 2004 में हुई थी और यह भारत की सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी खुफिया एजेंसियों में से एक बन गई है.
पीएमओ के अधीन करती है काम
एनटीआरओ का काम सिर्फ़ जानकारी जुटाना नहीं है. यह भारत की सुरक्षा के एक गहरे और रहस्यमय छोर से जुड़ा हुआ है. यह एजेंसी सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन काम करती है और उसकी जिम्मेदारी है एडवांस तकनीकी खुफिया जानकारी इकट्ठा करना. वह जानकारी जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है.
एनटीआरओ का काम
एनटीआरओ की सबसे खास बात यह है कि इसका ध्यान केवल सीमाओं पर नहीं बल्कि हर उस खतरे पर होता है जो भारत को अंदर से या बाहर से प्रभावित कर सकता है. चाहे वह आतंकवाद हो, साइबर हमले हों, या सीमा पार से होने वाले खतरों का सामना करना हो. एनटीआरओ का काम इन सभी खतरों का सामना करने के लिए तकनीकी जानकारी जुटाना और उस पर कार्रवाई करना है.