कानपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर शाहिद पिच्चा व साथी घायल

कानपुर।  रेलबाजार पुलिस की सोमवार रात चमनगंज के हिस्ट्रीशीटर व टॉप-10 अपराधी शाहिद पिच्चा से मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने शाहिद पिच्चा और उसके एक साथी को घेराबंदी करने के बाद पैर में गोली मारकर दबोच लिया। जबकि तीसरा साथी पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। दोनों को इलाज के लिए हैलट में भर्ती कराया गया है। प्राथमिक उपचार के बाद कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।

एक सप्ताह पहले पिच्चा ने किया था हत्या का प्रयास, तब से तलाश रही थी पुलिस
एक सप्ताह पूर्व वर्चस्व की लड़ाई के चलते शबलू गिरोह के शुभान रायनी से चमनगंज में शाहिद पिच्चा और उसके साथियों मारपीट हुई थी। इसके बाद शाहिद पिच्चा ने शुभान को गोली मारी थी। गोली उसके दांय हाथ पर लगी और वह बाल-बाल बच गया था। बेकनगंज पुलिस ने शाहिद पिच्चा समेत आठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उसकी तलाश में लगी थी। सोमवार रात 3 बजे मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली कि शाहिद अपने साथी अन्नू पिस्टल व एक अन्य के साथ कार से चकेरी की तरफ जा रहा है। बेकनगंज और रेलबाजार पुलिस ने सीओडी पुल के पास नाकेबंदी करके चेकिंग शुरू कर दी थी। पुलिस की घेराबंदी देखकर शाहिद पिच्चा ने पिस्टल निकालकर सीधे पुलिस पर फायर झोंक दिया। जवाबी फायरिंग में उसके और अन्नू के पैर पर गोली मारकर दबोच लिया। पुलिस ने कार के साथ ही दोनों के पास से 30 एमएम पिस्टल बरामद की है। जबकि पिच्चा का तीसरा साथी भागने में कामयाब रहा।

शातिर अपराधी बन गया बिल्डर, राजनीति में जाने की थी तैयारी
शाहिद पिच्चा चमनगंज का पुराना अपराधी है। हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट, चोरी आदि करीब एक दर्जन मुकदमों में आरोपित रहा था। कुछ समय पूर्व आरोपित का डी-टू गैंग के ही एक बदमाश से विवाद हो गया था। तब भी फायरिग हुई थी। पांच वर्ष पूर्व वह चमनगंज में फुरकान की हत्या मामले में जेल गया था। जेल से छूटने के बाद उसने अपनी दबंगई के बल पर विवादित जमीनों का काम शुरू कर दिया और कम समय में ही करोड़ों रुपए कमा लिए। इसके साथ ही शहर के कई बड़े नेताओं के भी संपर्क में था। अब वह बिल्डर और नेतागीरी की आड़ लेकर पुलिस से बचना चाह रहा था।