कानपुर में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत स्वास्थ्य महकमे में मची अफरातफरी

 
कानपुर।  ब्लैक फंगस शहर में खतरनाक रूप ले चुका है। हमीरपुर जनपद की रहने वाली महिला की जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में भोर मौत हो गई। वहीं महिला की मौत से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

 
एचआइवी पॉजिटिव 60 वर्षीय महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने पर हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वजन उसे गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी में लेकर आए थे,जांच में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।


हमीरपुर के भरुआ सुमेरपुर की रहने वाली महिला को स्वजन गुरुवार रात दो बजे हैलट अस्पताल लेकर पहुंचे थे। एचआइवी पॉजिटिव होने की वजह से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से की कम थी और उसका ऑक्सीजन लेवल भी 50 फीसद था। आंखें बाहर निकलने के अलावा उसे झटके भी आ रहे थे। डॉक्टरों ने भर्ती करने के बाद कोरोना की जांच के लिए सैंपलिंग कराई थी। इसके बाद न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.मनीष सिंह ने सीटी स्कैन जांच कराई गई,जिसमें ब्लैक फंगस का संक्रमण नाक,साइनस,आर्बिटल,आंख से ब्रेन तक पहुंच चुका था। म्यूकर माइकोसिस के संक्रमण से ब्रेन की नसों में ब्लॉक हो गया था।

 ब्रेन में ब्लीडिंग होने से उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों ने एमआरआइ एवं ब्रेन की सीटी एंजियोग्राफी कराने की तैयारी की थी,लेकिन देर रात दम तोड़ दिया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो आरबी कमल ने शनिवार को बताया कि,महिला 50 फीसद ऑक्सीजन लेवल पर भर्ती हुई थी। एचआइवी संक्रमित होने की वजह से काफी कमजोर थी। ऐसे में कोरोना और ब्लैक फंगस के संक्रमण से हालत और बिगड़ गई थी।  उसकी बायोप्सी लेने की तैयारी थी,लेकिन भोर में ही उसकी मौत हो गई। शहर में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है।
 

ब्लैक फंगस के लक्षण वाले छह नए संक्रमित भर्ती
हैलट अस्पताल में शुक्रवार को छह नए ब्लैक फंगस के लक्षण वाले संक्रमित भर्ती हुए हैं। उसमें से दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। दोनों उम्रदराज हैं। एक के ब्रेन की नस में खून का थक्का जमा हुआ है,दूसरे संक्रमित के ब्रेन में चोट जैसी दिख रही है। अब हैलट में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो मरीज हैं,जबकि लक्षण वाले 10 संक्रमित हैं।