कानपुर : स्मार्ट सिटी की कहानी मंदिर, मदरसा, स्कूल, थाना, सब हो गये पानी-पानी


रविवार से हो रही बारिश से स्मार्ट सिटी में हर जगह हुआ जलभराव

कानपुर। तीन दिन से हो रही उमस से रविवार की दोपहर से हा ेरही रिमझिम बारिश ने थोड़ी राहत दी तो सोमवार की आधी रात से शुरू हुई कभी तेज तो कभी धीमी बारिश ने स्मार्ट सिटी को जलमग्न कर दिया। मोहल्ले टापू तो सड़के नदी जैसे दिखने लगी। कहीं गाड्यिां बंद हो गयी तो कहीं बच्चे सड़क पर भरे पानी में तैराकी करते दिखे। वहीं, शहर में जगह-जगह जलभराव से राहगीर परेशान हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात साउथ सिटी के रहे। गोविन्द नगर मार्केट और साकेत नगर वाली सड़क नदी में तब्दील हो गयी तो खलवा पुल का नजारा तो नहर जैसा था। स्कूल, थाने, अस्पताल, सड़के सब पानी पानी हो गये।

परमट पर बाबा महादेव के सावन के आखरी सोमवार को पहुंचे भक्तों को बारिश के पानी में एक तरह से तैर कर जाना पड़ा। बारिश में कई लोग की गाड़ी बंद हो गई। लोगों ने धक्का देकर स्टार्ट कराया। वहीं बारिश के चलते बाबूपुरवा के बाकरगंज में कार डिवाइडर से टकरा गई। फिलहाल हादसे में कार सवार बाल-बाल बच गए।गोविंदनगर के कई दुकानों में पानी भर गया। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 28.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि अनुमान से -3.5 डिग्री कम रहा।न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री दर्ज हुआ। अधिकतम आर्द्रता 92 प्रतिशत, न्यूनतम आर्द्रता 95 प्रतिशत रिकॉर्ड हुई। वहीं, हवा की औसत गति 6.4 किमी/घंटा के हिसाब से दक्षिण से पश्चिम की ओर चली।

प्रो. सुनील पांडेय ने बताया कि जिस तरह से अभी मौसम का चक्रवात बना हुआ है। इससे लग रहा है कि अभी ये मौसम 6 अगस्त तक ऐसा ही रहने वाला है। मंगलवार को भी शहर में पूरा दिन बारिश के आसार है, लेकिन रात के समय तेज बारिश होगी। गरज चमक के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम वर्षा रहने की संभावना है।

स्मार्ट सिटी में दो दिन की बारिश से हालात हुए बदतर
कानपुर। अपना कानपुर यूं तो पहले भी जल मग्न हुआ है लेकिन चार साल से स्मार्ट सिटी का तमगा लिये इस शहर की बदििकस्मती ही है कि जनप्रतिनिधियों, अफसरों की लापरवाही से पूरा शहर जलभराव से जूझ रहा है। अभी तो सावन भी खत्म नहीं हुआ है भादव बाकी है। सोमवार को नजारा ऐसा था काशीराम अस्प्ताल से लेकर उर्सला, हैलट, जच्चा बच्चा, नगर निगम, मोतीझील, मरियमपुर, चौराहा,आरटीओ, शहर के थाने यहां तक की डीसीपी ट्रैफिक के आफिस तक पानी से लबालब दिखे।

दोपहर दो बजे के बाद थोड़ा बारिश कम हुई तो कुछ सड़कों से पानी कम हुआ। खलवा पुल जूही का नजारा तो ऐसा था मानों किसी ने नहर में पानी छोड़ दिया हो। सोमवार का दिन होने के कारण सभी सरकारी प्राईवेट संस्थान खुले थे ऐसे में नौकरी पेशा लोगों को सवारी का इंतजार करना पड़ा तो निजि वाहनों से जाने वालों को हर जगह पानी से जंग करनी पड़ी। अर्मापुर थाने के आसपास भीषण पानी भरा रहा। वहीं कोहना का भी यही हाल था, डीसीपी ट्रैफिक के आफिस में पानी भर गया तो वहीं काशीराम अस्पताल का नजारा तो सबसे ज्यादा खराब था।

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