
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 6 मस्जिदों समेत 100 से अधिक दुकानों पर लोक निर्माण विभाग का बुलडोजर चलने वाला है। सरकार ने हाल ही में सड़क चौड़ीकरण परियोजना को मंजूरी दी है। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाला मार्ग चौड़ा हो जाएगा। मस्जिदों और दुकानों को तोड़ने के लिए प्रशासन मैपिंग कर रहा है। मस्जिद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वाराणसी के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक दालमंडी की सड़क पर कब्जा कर मस्जिदें और दुकानें बना ली गई हैं। इससे दालमंडी की सड़कें काफी सकरी हो गई हैं। ऐसे में प्रशासन अतिक्रमण हटाकर रास्ता चौड़ा करना चाहता है। कहा जा रहा है कि सड़क के दोनों ओर स्थित दुकानें तोड़ी जाएंगी। साथ ही 6 मस्जिदों को भी तोड़ा जाएगा, जिसमें मिर्जा करीमुल्लाह बेग मस्जिद, संगेमरमर मस्जिद, अली रजा खान मस्जिद, निसारन मस्जिद, रंगीले शाह मस्जिद और लंगड़े हाफिज मस्जिद शामिल है।
रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा किए गए सर्वे के बाद अब तक 6 मस्जिदों के साथ ही कुल 146 इमारतों को ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया जा चुका है। बता दें कि दालमंडी बाज़ार वाराणसी के सबसे पुराने और व्यस्ततम बाज़ारों में से एक है, जहां हज़ारों दुकानें हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित इस बाज़ार में सड़क के संकरे होने के चलते भीड़भाड़ और अक्सर ट्रैफ़िक जाम की समस्या बनी रहती है। नई सड़क से चौक थाने तक दालमंडी की कुल लंबाई 650 मीटर है। यह कहीं 9 मीटर चौड़ी है, तो कहीं 3 मीटर तक सिमट कर रह जाती है। सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत इस सड़क को 17.50 मीटर तक बढ़ाया जाएगा। पूरी परियोजना का बजट लगभग 222 करोड़ रुपये है। योगी सरकार इसका टेंडर कराकर पहली किश्त भी जारी कर चुकी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में हर साल आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से यह इलाका भीड़भाड़ वाला हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ श्रद्धालुओं को भी परेशानी होती है। हाल ही में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मंजूरी थी।
पीडब्ल्यूडी ने सड़क की मैपिंग कर डेटा एकत्र कर लिया है, ताकि जिन लोगों की संपत्तियां ध्वस्त की जाएंगी, उन्हें मुआवजा दिया जा सके। मुआवजा सीधे पलोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।