कई बार लोगो को त्वचा संबंधी कुछ ऐसे रोग हो जाते है, जिनसे छुटकारा पाना सम्भव नहीं है. इन्ही रोगो में से एक त्वचा पर सफ़ेद दाग का होना है. मगर आज हम आपको सफ़ेद दाग से छुटकारा पाने का ऐसा रामबाण इलाज बताने जा रहे है, कि इस प्रयोग से अगर आपको आराम मिलना होगा तो केवल पंद्रह दिनों में ही आराम मिल जाएगा. तो चलिए अब आपको बताते है, कि आखिर ये रामबाण इलाज क्या है.
इस इलाज को शुरू करने से पहले हम आपको ये बता देना चाहते है, कि जब आप खुद पर इस उपाय का इस्तेमाल करे तो इस दौरान तला हुआ खाना, मिर्ची, नमक, मांस, मछली, शराब, धूम्रपान आदि सब बिलकुल बंद करना होगा. ऐसे में यदि आप ये सब चीजे बंद कर सके तो ही इस इलाज को करने के बारे में सोचियेगा. इसके इलावा इस प्रयोग को करते समय इसके साथ आपको कोई अच्छा सा झंडू या वैद्यनाथ का ब्लड प्यूरीफायर पीना होगा.
इस प्रयोग के अनुसार सबसे पहले सुबह एक गिलास लौकी के जूस में ग्यारह तुलसी के पत्ते और ग्यारह पुदीने के पत्ते डाल कर ही ये जूस बनाएं और इसे लगातार पंद्रह दिन तक पीएं. इस उपाय से भी आपको काफी फायदा होगा. इसके इलावा सफ़ेद दाग दूर करने का सबसे अच्छा रामबाण इलाज कुछ इस प्रकार है. बता दे कि इस नुस्खे को बनाने के लिए आपको कुछ सामग्री की जरूरत पड़ेगी. जैसे कि बावची पचास ग्राम, नारियल का तेल सौ मि.ली. और नौशादर पच्चीस ग्राम आदि सामग्री इस नुस्खे को बनाने के लिए जरुरी है. इसके बाद इसे बनाने की विधि कुछ इस तरह है.
सबसे पहले बावची को कूट कर और पीस कर बारीक़ चूर्ण बना लीजिये. फिर नारियल के तेल में नौशादर मिला दीजिये. इसके बाद जब आप पहले हफ्ते में इसका प्रयोग करेंगे तो सबसे पहले रात को दो ग्राम चूर्ण पानी में भिगो कर रख दीजिये. गौरतलब है, कि बावची का दो ग्राम ताजा चूर्ण हर रोज सुबह पानी के साथ और नाश्ते से एक घंटा पहले लेना है. इसके बाद नौशादर वाला तेल जहाँ दाग है वहां लगा दीजिये और जहाँ तेल लगाया है उसी जगह पर रात को भिगोया गया बावची का चूर्ण भी लगा दीजिये.
गौरतलब है, कि ये प्रक्रिया हर रोज प्रात काल एक हफ्ते तक करे. फिर दूसरे हफ्ते में यह चूर्ण दो दो ग्राम सुबह और शाम दोनों समय खाएं. यानि दिन में दो बार इसका सेवन करे. वही तेल और भिगोया गया चूर्ण दिन में केवल एक ही बार लगाएं. ऐसे में यदि पंद्रह दिन के अंदर यानि दो सप्ताह के अंदर सफ़ेद दागो पर बारीक़ बारीक़ बिंदियां न बने तो समझ लीजिये कि ये नुस्खा आप पर काम नहीं करेगा. उसके बाद ये प्रयोग बंद कर दे. मगर यदि बिंदिया आने लगे तो ये धीरे धीरे बढ़ती जाएंगी और फिर सफ़ेद दाग हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे. ऐसे में यदि आपको कोई परेशानी न हो तो इस प्रयोग को जारी रखे.
गौरतलब है, कि होंठ, गुप्त अंगो, पलक, हथेली, तलवे आदि के लिए ये दवा सही नहीं है. इसके इलावा यह प्रयोग केवल दस साल से ज्यादा उम्र के लोगो पर ही लागू होता है. वही इससे कम उम्र वालो को आधा या एक ग्राम चूर्ण ही दे. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखे कि तेल और भिगोया गया चूर्ण केवल सफ़ेद दाग वाली जगह पर ही लगाना है. इसे आस पास की त्वचा पर बिलकुल न लगाएं.
इस प्रयोग के दौरान आप अंगूर, मुनक्का, आंवला, गेहूं के ज्वारे का रस, पत्ता गोभी, लौकी, गाजर, सेब, शहतूत, हर प्रकार की बेरीज, लौंग, दालचीनी, जीरा, अजवायन, अदरक, तुलसी, हल्दी, गौ मूत्र केवल देसी गाय जो गर्भवती न हो, हर प्रकार के ड्राई फ्रूट्स, ओलिव ऑयल, आलमंड ऑयल आदि का सेवन कर सकते है. बता दे कि यदि इस प्रयोग को करते समय आपको कोई साइड इफ़ेक्ट दिखे या तेल गलती से आस पास की त्वचा पर लग जाएँ तो तुरंत इस तेल को साफ़ कर दे. इसके साथ ही त्वचा पर बर्फ घिसे और डॉक्टर से सम्पर्क करे.