
वॉशिंगटन: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में क्वाड नेताओं के साथ मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया कि आतंकवाद के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें दुनिया को यह बताना है कि हमने 7 मई को क्या किया. ऑपरेशन सिंदूर का मकसद यही है कि अगर आतंकवादी हमले होते हैं, तो हम उनके मास्टरमाइंड, समर्थकों और समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
आतंकवाद की निंदा बेहद जरूरी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘यह एक सच है कि जब कोई दूसरा देश आतंकवाद का शिकार होता है तो अक्सर बाकी देश कोई रुख नहीं अपनाते हैं. वो तब हरकत में आते हैं जब खुद आतंकवाद का शिकार होते हैं. इस संबंध में ईमानदारी से कहूं तो हम बहुत अधिक सुसंगत और सिद्धांतबद्ध रहे हैं. जब भारत के बाहर कहीं और आतंकवादी हमले होते हैं, तो हम मोटे तौर पर वही रुख अपनाते हैं जो हमने भारत में होने पर अपनाया था. लेकिन बाकी कई ऐसा नहीं कर रहे हैं या पर्याप्त रूप से नहीं कर रहे हैं. कूटनीति का एक हिस्सा उन्हें प्रोत्साहित करना, उन्हें मनाना, उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करना है. यही कारण है कि बोलना महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि उन्हें सर्वोत्तम संभावना तक अपने साथ ले जाना महत्वपूर्ण है.’
भारत ने झेला आतंकवाद का दर्द
उन्होंने कहा,’मैंने अपने हर समकक्ष के साथ यही भावना साझा की है कि आतंकी चुनौतियों की प्रकृति क्या है. हमने कई दशकों से इसका सामना किया है और आज हम इसका पूरी ताकत से इसका जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और हमें अपनी रक्षा करने का अधिकार है. आतंकवाद के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें दुनिया को यह बताना है कि हमने 7 मई को क्या किया. ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य यह है कि यदि आतंकवादी हमले होते हैं, तो हम अपराधियों, समर्थकों और समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. यह संदेश बहुत स्पष्टता के साथ दिया गया.’
उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों और कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा भारत के ऑपरेशन सिंदूर अभियान की सराहना की. उन्होंने कहा कि इन प्रतिनिधियों ने दुनिया को एक साफ संदेश भेजा है. उन्हें न सिर्फ एक मंत्री के तौर पर बल्कि एक भारतीय नागरिक होने के नाते भी उन पर गर्व है.
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘हमने जो बहुत साफ तौर पर बताया है, वह यह है कि जब हम कहते हैं कि आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता है, तो हमारा मतलब यही है. अगर आप 10 मई को गोलीबारी बंद होने के बाद राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन को देखें तो उसमें कुछ बहुत स्पष्ट संदेश थे. यह वास्तव में आतंकवादी समूहों और उनके प्रायोजकों के लिए है कि वे उन संदेशों को आत्मसात करें और उन पर विचार करें. मुझे नहीं लगता कि अगर ऐसा होता है तो हम स्पष्ट रूप से बताएंगे, हम ऐसा करेंगे. मेरा मतलब है, कोई भी सरकार ऐसा नहीं करती है.’