खुद को आयकर विभाग का कर्मचारी बताकर विदेशों में ठगी करने वालो को पुलिस ने किया अरेस्ट



नोएडा। थाना सेक्टर—58 नोएडा पुलिस द्वारा फर्जी काॅल एक्सचेन्जर के मास्टरमाइंड के दो बिजनेस पार्टनर अभियुक्त गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से कई इलेक्टानिक डिवाइस भी बरामद किया है। ये सभी खुद को आयकर विभाग का कर्मचारी बताकर विदेशों में कॉल करके ठगी करते थे। करेंसी भी कनवर्ट कराने का भी गोलमाल करते थे। पुलिस ने फर्जी काॅल एक्सचेन्जर के मास्टरमाइंड के बिजनेस पार्टनर शाहनूर, अंकुश बाहरी को गिरफ्तार किया।

थाना सेक्टर 58 नोएडा पुलिस द्वारा पिछले सप्ताह फर्जी काॅल एक्सचेंजर चलाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया गया था जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उसमें से मुख्य अभियुक्त ओवेश आलम को भी गिरफ्तार किया गया था, उसी क्रम में ये तथ्य सामने आया कि ओवेश आलम के नाम से उसी टावर में एक अन्य स्पेश लिया गया है, तत्काल टीम द्वारा सघनता से जांच की गयी तो पता चला कि ये स्पेश ओवेश आलम अपने बिजनेश पार्टनर शाहनूर और अंकुश बाहरी के द्वारा चलवा रहा था, इसमें जो ब्रोडबैंड का कनेक्शन था वह अंकुश बाहरी के नाम पर था और ये ओवेश आलम के शह पर ये सेन्टर को संचालित कर रहे थे, इस सेन्टर से आस्ट्रेलिया, यूएसए, यू0के0 में लोगों से काॅल करके ठगी की जाती है तथा साथ ही साथ सर्वर के माध्यम से इंनटरनेशनल काॅल को लोकल काॅल में कन्वर्ट किया जाता है।


पुलिस के द्वारा काफी पार्टस बरामद किये गये है, जिसमें सिसको को गेटवे व राउटर भी बरामद हुआ है। इस सेन्टर का प्रतिमाह टर्न ओवर लगभग 01 करोड रूपये, जिसमें से ओवेश आलम का हिस्सा 30 प्रतिशत और इनके अन्य में ये दोनो और वाजिद और विकास द्वारा विदेशी करेन्सी को भारतीय करेन्सी में बदलने का काम किया जाता है तथा आपस में बांट लेते है। अभियुक्तों द्वारा विदेशो में इंटरनेट व अप्लीकेशन के माध्यम से काॅल करके सम्बन्धित देश के इंकम टैक्स आफिस से काॅल करना व कर्मचारी बताकर टैक्स फाईल नम्बर सस्पेन्ड होने की बात कहकर लोगों को डराकर उनके टीएफएन को बचाने की कहकर गिफ्ट कार्ड के माध्यम से विदेशी करेन्सी में पैसे प्राप्त करते थे।


उस विदेशी करेन्सी को भारतीय करेन्सी में कन्वर्ट करके विकास के माध्यम से अपने पास कैश में मांगा लेते थे, बरामद कैश इसी विदेशी करेन्सी से भारतीय करेन्सी में विकास के माध्यम से मांगाया गया पैसा है। ये लेाग नोर्थ इस्ट इंडिया के लोगो को काॅल सेन्टर रीप्रजंटेटिव के पद पर रखते थे जो सम्बन्धित देश की भाषा की उच्चारण में माहिर थे, इन लोगो द्वारा इंटरनेट व अप्लीकेशन के माध्यम से जिस देश में काॅल करते थे उस देश में असली काॅलिंग नम्बर/डाटा प्रदर्शित न होकर कोई भी रेन्डम फेक नम्बर कन्वर्ट होकर प्रदर्शित होता था, जिसे वहां के लोग पहचान नही पाते थे।