
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पिछले 9 महीने में घरेलू रसोई गैस सिलिंडर का दाम 266 रूपया बढ़ चुका है। लेकिन सब्सिडी के रुप में मिलने वाला 59.05 रूपये पर ही अटका है। ऐसे में आम आदमी के किचन का बजट दिन ब दिन महंगा होता जा रहा है। गृहणी अमृता गुप्ता कहती है कि आखिर घरेलू गैस का दाम बढ़ने के बावजूद सब्सिडी क्यों नहीं बढ़ रही है? अमृता की तरह सुमन भी घरेलू गैस सिलिंडरों के दाम में वृद्धि के बावजूद रसोई गैस के अनुदान कोई बढ़ोत्तरी न होने से हैरान हैं।
ऐसे बढ़ते चले गए घरेलू गैस के दाम
यह हालात पिछले दिसंबर महीने से ही बने हुए हैं। दिसम्बर 2020 में घरेलू रसोई गैस सिलिंडर 656 रुपये में मिल रहा था। उस समय उपभोक्ताओं को 59.05 रुपए अनुदान मिल रहा था। फरवरी में रसोई गैस उपभोक्ताओं को महंगाई का दो बार झटका लगा। इस महीने 831.50 रुपए में सिलिंडर मिल रहा था। कुछ दिनों बाद सिलिंडर का दाम बढ़ कर 856.50 रुपए हो गया। अप्रैल, मई और जून में घरेलू गैस सिलिंडर का दाम 871.50 रुपए हो गया। जुलाई में घरेलू गैस सिलिंडर का दाम बढ़कर 897 रुपए हो गया।
बढ़ गया किचन का बजट
अगस्त की शुरूआत में यही दाम रहा लेकिन 17 अगस्त से घरेलू गैस सिलिंडर 25 रुपए महंगी हो गई। महानगर में घरेलू गैस सिलिंडर 922 रुपए में मिल रहा है। उपभोक्ताओं को अभी 59.05 रुपए सब्सिडी मिल रहा है। हालांकि शहर की कई गृहणी महिलाओं का दावा है कि उनके खाते में बीते कुछ महीनों में सब्सिडी आ ही नहीं रहा है। जबकि एजेंसी संचालकों का दावा है कि 59.05 रुपए सब्सिडी खाते में भेजा जा रहा है। शालू त्रिपाठी, रीतू गुप्ता कहती हैं कि सचमुच अब किचन का खर्च काफी बढ़ गया है, सरकार को महंगाई कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।