हरिद्वार। जिले में लोगों को चार दिन तक ठंड से राहत मिली थी, लेकिन सोमवार से मौसम का मिजाज फिर से बदल गया। दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही जो मंगलवार को भी जारी रही जिससे तापमान गिर गया और ठंड बढ़ गई। अधिकतम तापमान 14 और न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान रविवार के मुकाबले चार डिग्री सेल्सियस कम रिकार्ड किया गया। दिसंबर के अंतिम दो सप्ताह तक जिले में कड़ाके की ठंड रही थी और तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास चला गया था। मह जनवरी से तापमान बढ़ने लगा और ठंड से राहत मिल रही थी। दिनभर चटक धूप खिलती रही। रविवार दोपहर में आसमान बादलों से घिर गया था और ठंड में कुछ इजाफा हुआ था, लेकिन बारिश नहीं हुई थी। सोमवार और सुबह से ही हल्की बारिश हो होती रही थी और बीते चार दिनों के मुकाबले सर्दी काफी अधिक महसूस की गई। बारिश के चलते स्कूल-कॉलेज जाने वालों को काफी परेशानी हुई। साथ ही दफ्तर और दुकान जाने वाले भी हलकान रहे। लोग गर्म कपड़ों से पूरी तरह पैक थे और बारिश से बचने के लिए बाइक सवारों ने रेन कोट का सहारा लिया। कुछ ने बोरे आदि को ही सिरों पर ढक लिया। दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। आसमान बादलों से घिरा रहा तो सूर्यदेव के दर्शन होने का सवाल ही नहीं था। बाजारों और सरकारी दफ्तरों में लोगों की कम भीड़ रही। बारिश जारी थी तो सड़कों पर अलाव तो जले नहीं दिखे, लेकिन दुकानों में हीटर का प्रयोग हो रहा था। पाले का प्रभाव होगा कम पिछले कई दिनों से दिन में धूप खिल रही थी और रात में पाला पड़ रहा था। इससे गेहूं, सरसों, पालक, गोभी, टमाटर, प्याज आदि सभी फसलों को नुकसान पहुंच रहा था। मंगलवार को बारिश हल्की-हल्की होती रही, जिससे फसलों को कोई नुकसान नहीं है। इससे पाले का प्रभाव ही कम होगा। किसान फसल में सल्फर का प्रयोग करें तो बेहतर होगा। अगर ज्यादा बारिश होती है तो सभी फसलों को नुकसान होगा। बदल रहे मौसम में रखे सेहत का रखें ख्याल। पहले कड़ाके की ठंड और फिर कुछ दिन ठंड से राहत। अब फिर से मौसम बदला है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है की मौसम बदलने पर बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते हैं। इससे खांसी, बुखार, निमोनिया आदि बीमारी जकड़ सकती है। बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए।