नई दिल्ली । चीन में खतरनाक वायरस फैला हुआ है। हजारों लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। जबकि चीन इस तरह के वायरस को लेकर चुप्पी साधे हुए और लगातार झूठ बोल रहा है। इधर चीन की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ से स्थिति की लगातार जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसमी उछाल असामान्य नहीं है, लेकिन भारत में ऐसी किसी वृद्धि के संकेत नहीं हैं। मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सीजन और अस्पताल के बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। भारत सरकार चीन की स्थिति पर नजर रखते हुए हरसंभव एहतियात बरत रही है। फ्लू के मौसम में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
भारत सरकार चीन में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामलों पर करीबी नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की जानकारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से संपर्क किया है। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें डब्ल्यूएचओ, आपदा प्रबंधन, रोग निगरानी कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, और एम्स दिल्ली समेत कई संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि फ्लू के मौसम में सांस की बीमारियों का बढ़ना आम बात है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार इन्फ्लुएंजा वायरस, रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस, और ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस जैसे वायरस मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। ये वायरस न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में मौजूदा समय में सक्रिय हैं।
हाल ही में सोशल मीडिया पर चीन के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और संकट के वीडियो वायरल हुए थे। कुछ दावों में इसे एचएमपीवी वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति बताया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि एचएमपीवी एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो सर्दी जैसे लक्षण उत्पन्न करता है।
हालांकि, शिशुओं, बुजुर्गों और अन्य कमजोर लोगों में यह फ्लू जैसे गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत में अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।एचएमपीवी वायरस खांसी, छींक और संक्रमित लोगों के संपर्क से फैलता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस फूलना और सिरदर्द शामिल हैं। कुछ मामलों में, यह संक्रमण ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी जटिलताएं भी पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी के लिए कोई विशेष वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है और इसका उपचार लक्षणों के प्रबंधन पर आधारित होता है।