बीजिंग । चीन ने अपने रक्षामंत्री एडमिरल डोंग जुन को हाल ही में हुए घोटालों के लिए आरोपी पाया है। अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच चल रही है। ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है जब एक के बाद तीसरे रक्षामंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उसकी जांच शुरू की गई है। संभावना है कि इसमें और भी बड़े अधिकारी फंसें।
एडमिरल डोंग जुन पिछले साल दिसंबर में रक्षामंत्री बनाए गए थे। उनसे पहले जनरल ली शांगफू रक्षामंत्री थे लेकिन उन्हें भी भ्रष्टाचार के आरोप में पद से बाहर कर दिया गया था। उससे पहले वी फेंगही रक्षामंत्री थे। लेकिन वो रिटायरमेंट के बाद इस जांच के घेरे में आए थे। अब डोंग के खिलाफ भी जांच चल रही है। ऐसे मामलों के जानकार अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। इसके घेरे में वर्तमान रक्षामंत्री डोंग भी आ गए। जब अमेरिका ने इसके बारे में चीन के दूतावास से पता करने की कोशिश की तो उधर से किसी तरह का कोई बयान या प्रतिक्रिया नहीं आई।
लाओस में मीटिंग के बाद आई खबर
डोंग के खिलाफ जांच की खबर लाओस में होने वाले एशियन डिफेंस मीटिंग के एक हफ्ते बाद आई है। इस मीटिंग में डोंग जुन ने अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के लिए मना कर दिया था। जिसे ऑस्टिन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इससे पहले ये दोनों इस साल मई में सिंगापुर में मिल चुके थे।
चीन का आरोप- अमेरिका बिगाड़ रहा खेल
चीन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये सब अमेरिका की साजिश है। क्योंकि उसने हाल ही में ताइवान के लिए हथियारों का पैकेज अप्रूव किया है। इसमें एडवांस सरफेस-टू-एयर मिसाइल भी शामिल हैं। यह विवाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के शी जिनपिंग की पेरू में हुई मुलाकात के बाद शुरू हुआ है। जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों की सेनाएं अब डायरेक्टली बातचीत करेंगी। यह बातचीत चीन ने अगस्त 2022 में बंद हो गई थीं। क्योंकि उस समय अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की पहली स्पीकर नैंसी पेलोसी ने 25 साल में पहली बार ताइवान की यात्रा की थी। ऐसा 25 साल में पहली बार हुआ था। जिसकी वजह से चीन ने सेनाओं की बातचीत रोक दी थी।
जिनपिंग को भरोसा नहीं अपने अधिकारियों पर
पूर्व सीआईए एनालिस्ट क्रिस्टोफर जॉन्सन कहते हैं कि शी जिनपिंग ने 2018 में वी फेंगही को रक्षामंत्री बनाकर गड़बड़ किया था। रॉकेट फोर्स के प्रमुख को सीधे रक्षामंत्री बनाया। जबकि उन्हें आर्मी जनरल बनाना था। डोंग जुन नौसैनिक रहे हैं। शी जिनपिंग ने इन्हें खोजने में चार महीने लगाए। तब जिनपिंग ने भरोसा दिलाया था कि सेना भ्रष्टाचार मुक्त रहेगी। लेकिन जिनपिंग अब हैरान हैं कि सेना में हर कोने में करप्शन है। जिनपिंग ने किन गांग को भी हटाया था। वह विदेश मंत्री था। किन का अमेरिका में मौजूद एक चीनी महिला के साथ विवाहेत्तर संबंध था। क्रिस्टोफर का कहना है कि जिनपिंग की ओर से चलाई जा रही इस जांच से पता चलता है कि उन्हें अपनी सेना के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।