
आगरा: धर्मांतरण के खेल के एक बड़े खिलाड़ी छांगुर बाबा को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया. एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर अब उसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी हुई हैं. इसी बीच पुलिस और खुफिया एजेंसी ने इस खेल के दूसरे बड़े खिलाड़ी सैयद दाऊद की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं. आगरा पुलिस ने सैयद दाऊद समेत गिरोह के 3 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं.

दरअसल, आगरा की सगी बहनों का धर्मांतरण कराने वाले गैंग के तार कनाडा से जुडे हैं. मध्य प्रदेश का सैयद दाऊद अहमद इस गैंग का सूत्रधार है, जो कनाडा में रहता है और वहीं से गैंग की हेड गर्ल आयशा उर्फ एसबी कृष्णा को फंडिंग करता था. आगरा पुलिस ने धर्मांतरण गैंग के सूत्रधार सैयद दाऊद अहमद समेत तीन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया है.
पुलिस अब इंटरपोल की मदद से आरोपी सैयद दाऊद अहमद का रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराएगी. इस मामले में आगरा पुलिस ने अब संगठित अपराध की धारा बढाई है. साथ दी धर्मांतरण गैंग का नेटवर्क तोड़ने के लिए आईबी ने आगरा में डेरा डाल दिया है. धर्मांतरण गैंग के पुलिस कस्टडी में आए अभियुक्तों से आगरा पुलिस के साथ ही आईबी और अन्य एजेंसियां भी पूछताछ कर रही हैं.
बता दें कि आगरा पुलिस ने मार्च 2025 में लापता सगी बहनों की तलाश में बीते दिनों एक साथ पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, यूपी, गुजरात और अन्य राज्य में छापा मारा था. पुलिस ने कोलकाता से सगी बहनों को सुरक्षित निकाला था. इसके बाद धर्मांतरण गैंग में शामिल 10 लोगों को दबोचा है. सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही धर्मांतरण गैंग के चंगुल से मुक्त कराई गई सगी बहनों की काउंसलिंग की जा रही है.
इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराएगी पुलिस: आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने दिल्ली निवासी मुस्तफा उर्फ मनोज को दबोचा है. उससे पूछताछ में दिल्ली में गैंग के सदस्यों के रूप में नेहा समेत दो और लोगों की पहचान हुई है. अब साक्ष्यों के आधार पर इन्हें भी आरोपित बनाया गया है.
इनके गैर जमानती वारंट जारी कराए हैं. आगरा पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई है. मामले में कनाडा का सैयद दाऊद अहमद गिरोह का सूत्रधार है. वह कनाडा से धर्मांतरण गैंग की हेड गर्ल आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा) को फंड भेजता था. उसका गैर जमानती वारंट लिया है. उसे कनाडा से भारत लाने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया जाएगा.
अलग-अलग वेशभूषा में पहुंचती रही आयशा: आगरा पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त ओसामा ने बताया कि आयशा का ठिकाना एक स्थान पर नहीं रहता. वह गोवा में बहुत कम रहती है. लेकिन, गोवा में अपने विदेशी आकाओं से बात करती थी.
गोवा से निकल कर अलग-अलग प्रदेश में अलग-अलग वेश में गैंग से सदस्यों से मिलती थी. पश्चिम बंगाल में जितने दिन रहती थी, वहां पर हमेशा बुर्का में ही दिखती थी. इस वजह से धर्मांतरण गैंग के साथी उसे ठीक से पहचानते भी नहीं हैं. आयशा उर्फ एसबी कृष्णा सिर्फ चिह्नित लोगों से ही सम्पर्क करती थी.
क्या है दाऊद और आयशा का किरदार: आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि मध्य प्रदेश का मूल निवासी सैयद दाऊद अहमद अभी कनाडा में रहता है जो विदेश से गैंग की हेड गर्ल आयशा को रुपये भेजा करता था. गैंग की हेड गर्ल को भेजी गई बड़ी रकम का रिकॉर्ड पुलिस को मिला है.
फंडिंग हवाला के जरिए नहीं, सीधे खाते में आती थी: यह रकम दाऊद ने भेजी है. उससे धर्मांतरण गैंग के सदस्य और गिरोह के जाल में फंसे लोगों के रहने और खाने पर खर्च होता था. धर्मांतरण करने वाले लोगों के वीडियो भी सैयद दाऊद अहमद को भेजे जाते थे. फंडिंग की रकम हवाला के जरिए नहीं, बल्कि खाते में आती थी.
आयशा को कनाडा-अमेरिका से मिलते थे आदेश: आगरा पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि धर्मांतरण गैंग में आयशा उर्फ एसबी कृष्णा सबसे तेज है. इसलिए, उसे गैंग की हेड गर्ल बनाया गया है. आयशा के संपर्क में अमेरिका, कनाडा व पाकिस्तान में बैठे आकाओं से हैं.
आयशा ही गिरोह की एक मात्र सदस्य ऐसी थी जो लगातार उत्तराखंड, पश्चिमी बंगाल, राजस्थान, यूपी और गोवा में सबसे सम्पर्क में रहती थी. आयशा को कनाडा और अमेरिका से फंडिंग ही नहीं आदेश भी मिलते थे. फंडिंग की रकम को आयशा हवाला के जरिए छह राज्य में नेटवर्क के सदस्यों तक पहुंचाती थी.
पश्चिम बंगाल भेजी गई थी पुलिस की स्पेशल टीम: धर्मांतरण गैंग के जाल में फंसी सगी बहनों को सुरक्षित आगरा लाने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम भेजी गई थी. पुलिस की स्पेशल टीम में एटीएस में एसीपी अरीब अहमद, इंस्पेक्टर राजीव त्यागी, इंस्पेक्टर भानु प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर रीता यादव, एसआई योगेश नागर, एसआई अंकुर मलिक शामिल हैं. टीम को खुफिया कैमरे दिए गए.
पुलिस टीम ने कार्रवाई से पहले कोलकाता की मुस्लिम बस्तियों में किराए पर कमरा लेने के नाम पर रेकी की. पुलिस टीम के कैमरे से आगरा में बैठे पुलिसकर्मी और अधिकारियों ने वहां के रास्ते जाने. जिससे कार्रवाई में विरोध होने पर भी टीम सुरक्षित निकल सके.