टाटा ग्रुप ने जताई उत्तराखंड में निवेश की इच्छा

देहरादून। देश के प्रसिद्ध औद्योगिक घरानों में से एक टाटा ग्रुप ने उत्तराखंड में निवेश की इच्छा जताई है। यह निवेश आतिथ्य, ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में हो सकता है। मुबंई में टाटा संस के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट कर इस मुद्दे पर चर्चा की।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और बनमाली अग्रवाल, अध्यक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस एंड एयरोस्पेस-टाटा संस ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट कर राज्य के विकास में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लिए राज्य सरकार ने बहुत से महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। मुख्यमंत्री ने टाटा के प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखंड आकर विशेष तौर पर पर्यटन, ऊर्जा व विनिर्माण में निवेश की असीमित संभावनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। टाटा ग्रुप और उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों ने बैठक में राज्य में निवेश की सम्भावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। राज्य सरकार के अधिकारियों ने पर्यटन, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश के लिए प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। व्यापक विचार विमर्श के बाद टाटा ग्रुप ने उत्तराखंड के सभी जिलों में एएमए (होम स्टे), ताज (रिसोर्ट), जिंजर (बिजनेस होटल), जीवा (स्पा) आदि ब्रांड के माध्यम से आतिथ्य क्षेत्र में काम करने की रूचि जाहिर की। टाटा ग्रुप ने गोआ में फोर्ट अगुआडा और अंडमान निकोबार में हेवलॉक की तर्ज पर पर्यटन के लिए टिहरी झील के विकास की इच्छा जताई। टाटा पावर ने माईक्रो ग्रिड सोल्युशन के माध्यम से विद्युत वितरण प्रणाली में सुधार में सहयोग के लिए प्रस्ताव दिया, ताकि उत्तराखंड वर्ष 2023 तक नवीकरणीय ऊर्जा से 50 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा सके। भारत सरकार की फेम-2 योजना का उपयोग करते हुए उत्तराखण्ड में इलेक्ट्रोनिक व्हीकल सेक्टर के विकास पर भी गहन चर्चा की गई।

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