
अमेरिका और चीन के बीच खुलकर टैरिफ वॉर चल रहा है। चीन पर अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाकर 145% तक पहुंचा दिया है तो वहीं चीन ने भी जवाब में 125% का टैरिफ लगा दिया है। चीन ने इस टैरिफ को दबाव और धमकाने की नीति बताते हुए कह दिया है कि अब अमेरिका अगर टैरिफ बढ़ाता भी है तो चीन कोई जवाब नहीं देगा। दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच यह लड़ाई सुपर पावर बनने की लड़ाई है। ट्रंप के टैरिफ वार से अकेला चीन ही परेशान नहीं है बल्कि दुनिया के लगभग सभी बड़े देशों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुलकर चुनौती दे रहे हैं। चीन ने तो ट्रंप के खिलाफ इस लड़ाई में भारत से मदद भी मांगी थी। UK भी ट्रंप के इस टैरिफ से परेशान है और एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में उसे बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस लड़ाई के बीच UK के आर्मी चीफ और व्यापार मंत्री ‘अचानक’ चीन के दौरे पर पहुंच गए हैं।
दरअसल, UK के आर्मी चीफ एडमिरल सर टोनी राडाकिन अचानक चीन दौरे पर पहुंच गए हैं। यह UK के किसी आर्मी चीफ का करीब एक दशक में पहला चीन दौरा है। वहीं, इस दौरे के बीच ही चीन के एक व्यापार मंत्री ने चीन की ‘गुप्त’ की है। गार्जियन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि व्यापार नीति और आर्थिक सुरक्षा मंत्री डगलस अलेक्जेंडर चीनी समकक्षों के साथ बातचीत के लिए बीजिंग की यात्रा पर हैं। टोनी राडाकिन और डगलस अलेक्जेंडर की यात्राएं एकसाथ हो रही हैं और इसे अमेरिका के खिलाफ चीन और UK की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। इसमें यह दिलचस्प है कि अलेक्जेंडर की यात्रा को ब्रिटेन या चीन किसी भी सरकार ने प्रचारित नहीं किया है। वहीं, ब्रिटेन के व्यापार मंत्री की चीन यात्रा पर कई ब्रिटिश राजनेता भी हैरान हैं।
वहीं, UK के आर्मी चीफ टोनी राडाकिन ने अपनी यात्रा को लेकर X पर लिखा, “मैंने बीजिंग में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल लियू जेनली से मुलाकात की और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत की। हम इस बात पर सहमत हुए कि अस्थिर दुनिया में हमें वैश्विक हितों वाले जिम्मेदार राष्ट्रों के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और हमने सेनाओं के बीच संवाद के महत्व पर विचार किया है।” इस यात्रा को दोनों रक्षा विभाग ने दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी को मजबूत करने वाली बताया है।
ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच इन यात्राओं को अमेरिका के खिलाफ चक्रव्यूह की तरह भी देखा जा रहा है। ट्रंप के टैरिफ से चीन को गंभीर नुकसान होने की संभावना है। कुछ दिनों पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि ट्रंप के टैरिफ के कारण यूरोप को नए बाजार तलाशने पड़ेंगे और यूरोपीय देश-चीन दोनों अपने संबंधों को बेहतर करने पर ध्यान दे रहे हैं। इस बीच, शी जिनपिंग ने शुक्रवार को स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मुलाकात की है। स्पेन के पीएम टैरिफ वॉर के बीच चीन पहुंचने वाले प्रमुख यूरोपीय नेता हैं। स्पेन और चीन के बीच भी व्यापार को लेकर कई अहम समझौते होने का अनुमान है। ऐसे में अगर यूरोप के देश एक-एक कर चीन के करीब पहुंचते रहेंगे तो इससे ट्रंप और अमेरिकी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।