ड्रैगन का खुला समर्थन : चीन फिर आया पाकिस्तान के साथ, बोला– ‘सीमाओं की रक्षा में देंगे…

  चीन ने फिर से पाकिस्तान को अपना ‘अडिग दोस्त’ बताया है और कहा है कि वो उसकी संप्रभुता और सीमा की रक्षा में पूरी मजबूती से साथ रहेगा. ऐसे वक्त में ये बयान आया है जब भारत-पाक रिश्तों में फिर से तल्खी है. आखिर चीन ने ये बात अब क्यों कही, इसके पीछे की रणनीति क्या है? जानिए पूरी कहानी… China Stands Firm with Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में जो टकराव हुआ और उसके बाद अचानक हुए युद्धविराम ने पूरी दुनिया का ध्यान इस क्षेत्र की तरफ खींच लिया है. इसी बीच चीन, अमेरिका, UAE और तुर्किए जैसे बड़े देशों ने भी अपनी भूमिका दिखानी शुरू कर दी है. चीन ने साफ कह दिया है कि वो अपने पुराने दोस्त पाकिस्तान के साथ हर हाल में खड़ा रहेगा.

चीन का पाकिस्तान को वादा – संप्रभुता से कोई समझौता नहीं’

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री इशाक डार से फोन पर बात की. इस बातचीत में उन्होंने पाकिस्तान की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय आज़ादी को पूरा समर्थन देने की बात कही. चीन ने पाकिस्तान के “संयम भरे रवैये” की भी तारीफ की, खासकर उस वक्त जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था.

अमेरिका की दखल – “युद्धविराम हमारी मध्यस्थता का नतीजा”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो युद्धविराम हुआ है, वो अमेरिका की मध्यस्थता की वजह से मुमकिन हो पाया. उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘पूर्ण और तुरंत’ युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं और इसे अमेरिका की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में बताया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और भारत-पाक के नेताओं की समझदारी की तारीफ की.

UAE और तुर्किए ने भी निभाई भूमिका

इशाक डार ने UAE और तुर्किए के विदेश मंत्रियों से भी संपर्क किया. UAE के मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद और तुर्किए के हाकन फिदान ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम का स्वागत किया. दोनों देशों ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने पर जोर दिया.

युद्धविराम से कुछ घंटे पहले तक हालात बिगड़ रहे थे

युद्धविराम से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं और कुछ सैन्य ठिकानों पर हमले भी हो चुके थे. ऐसे में अचानक हुआ यह युद्धविराम पूरी दुनिया के लिए राहत भरी खबर है. फिलहाल भले ही हालात कुछ शांत दिख रहे हैं, लेकिन भारत-पाक के रिश्तों में स्थायी शांति की राह अभी लंबी है. चीन का पाकिस्तान को खुला समर्थन, अमेरिका की मध्यस्थता का दावा और UAE-तुर्किए की शांति की कोशिशें – ये सब बताती हैं कि अब सिर्फ दो देशों की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें इस रिश्ते पर टिकी हैं.    

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