- सिर्फ बड़े अफसरों और उनकी बीबियों को ट्रेनिंग देता था
- अफसर की कृपा से आफिसर्स क्लब में कमरा अलॉट था
- रोजाना बेरोकटोक कैंपस में आता-जाता और कई घंटे रुकता
- सहूलियत का फायदा उठा वीआईपी इलाके में दफनाई लाश
- मोबाइल सर्विलांस के बावजूद नहीं खंगाला वीआईपी इलाका
कानपुर। हाई-प्रोफाइल एकता मर्डर केस में पुलिस की लापरवाही और आला अफसरों की मेहरबानी की कॉकलेट कहानी सामने आई है। अव्वल पुलिस ने एकता की गुमशुदगी को प्रेम-कहानी करार देकर पड़ताल करने से तौबा करते हुए फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसके साथ ही प्रारंभिक पड़ताल में हत्यारे जिम ट्रेनर विमल सोनी के मोबाइल की लोकेशन सरसैया घाट से डीएम निवास के बगल में आफिसर्स क्लब कैंपस तक मिलने के बावजूद एकता की तलाश के लिए वीआईपी इलाके को नहीं खंगाला गया। पड़ताल में हत्यारे विमल पर शहर के तमाम आला अधिकारियों की मेहरबानी के किस्से भी सामने आए हैं। अफसरों और उनकी बीबियों को ग्रीनपार्क जिम में ट्रेनिंग देने वाले हत्यारे पर मेहरबानी इस कदर हुई कि उसे वीआईपी कैंपस में अनाधिकृत रूप से कमरा अलॉट कर दिया गया। आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। ऐसी ही तमाम सहूलियतों और साहेबान से नजदीकी का फायदा उठाकर हत्यारे ने एकता की हत्या करने के बाद उसकी लाश को डीएम के बंगले के बगल में दफन कर दिया था।
हत्यारे की फरारी और गिरफ्तारी का थ्रिलर
कहानी का फ्लैशबैक यूं हैं कि 24 जून 2024 को ग्रीनपार्क जिम से निकलते ही एकता गुप्ता अपने प्रेमी और जिम ट्रेनर विमल सोनी की कार में बैठती है। प्रेमी की शादी तय होने पर नाराजगी जाहिर करने के दौरान बहस और मारपीट में एकता के बेहोश होने पर विमल ने गला घोंटकर उसे मार डाला और जिलाधिकारी निवास के बगल में वीआईपी इलाके में दफन कर दिया। विमल के बयान पर यकीन करें तो प्रेमिका की हत्या के बाद वह अगले दिन दोपहर में फिर आफिसर्स क्लब कैंपस में पहुंचा और लाश के कायदे से दफन किया। इसके बाद आगरा होते हुए अमृतसर पहुंच गया। वहां एक होटल में पहचान छिपाकर वेटर का काम किया, बर्तन मांजे और परिवार से संबंध तोड़ लिये। मामला ठंडा होने पर करीब दस दिन पहले कानपुर आकर परिजनों से मिला और जमानत की कोशिश में जुट गया। विमल की शहर में आमद की आहट एकता के परिजनों को लगी तो खबर पुलिस तक भी पहुंची। इसके बाद सर्विलांस को सक्रिय किया गया और विमल के गिरेबां तक कानून के हाथ पहुंच गए।
अफसरों की मेहरबानी से मिस्ट्री बनी मौत
भास्कर की पड़ताल और पुलिस अफसरों के बयान से यह स्पष्ट है कि एकता की मौत की मुनादी होने में चार महीने का वक्त लगा तो जिम्मेदार सिर्फ शहर के आला अफसर हैं। ग्रीनपार्क के वीआईपी जिम में शहर के तमाम बड़े अधिकारियों के साथ-साथ उनकी बीबियां कसरत करने पहुंचती हैं। विमल सोनी जिम में ट्रेनर था, लिहाजा जिम ट्रेनिंग के दरमियान अफसरों और उनके परिवार का चहेता बन गया। धीरे-धीरे विमल ने अफसरों के घर हाजिरी लगाकर रिश्तों को इस कदर पुख्ता किया कि उसे जिलाधिकारी बंगले के बगल में आफिसर्स क्लब कैंपस में अनाधिकृत रूप से कमरा अलॉट कर दिया गया। कमरा किस नियम के मुताबिक और क्यों अलॉट किया गया… इस सवाल पर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है।
मैडम की सिफारिश पर अलॉट हुआ था कमरा
विमल की ट्रेनिंग कुछ अलहदा थी, इसी कारण अधिकांश अफसर और उनकी बीवियां कसरत के दौरान उसकी मौजूदगी के कायल थे। चूंकि विमल का मकान रायपुरवा के शंकर मिल खालवा में है, ऐसे में उसे अफसरों के मन-मुताबिक समय के हिसाब से घर से कई मर्तबा ग्रीनपार्क जिम पहुंचना पड़ता था। कभी गैर-हाजिर रहने पर डांट-फटकार लगी तो उसने अपनी तकलीफ एक अफसर की पत्नी को सुनाई तो उन्होंने पति के जरिए विमल सोनी को आफिसर्स क्लब कैंपस में एक कमरा अलॉट करा दिया। अब विमल यहां रोजाना कई घंटे रहता था, उसे बेरोकटोक आने-जाने की छूट हासिल थी। इसी छूट का फायदा उठाकर उसने 24 जून की देर शाम एकता को कैंपस में दफन कर दिया और किसी ने उसकी हरकत पर गौर भी नहीं किया।
फरारी के बाद भी नहीं खंगाला वीआईपी कैंपस
एकता की गुमशुदगी को दर्ज करने के बाद पुलिस ने कार में बरामद टूटा क्लैचर और सिम के आधार पर एकता-विमल के संबंधों को प्रेम-कहानी बताते हुए रजामंदी से लापता होने का दावा करते हुए फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उधर, पुलिस को खबर मिल चुकी थी कि विमल के तमाम अफसरों से साथ नजदीकी संबंध हैं और वह बेरोकटोक आफिसर्स क्लब कैंपस में आता-जाता और ठहरता है। बावजूद, एकता की तलाश में पुलिस ने क्लब कैंपस को नजरअंदाज किया। गिरफ्तारी के बाद विमल ने पहले तो शनिवार को पुलिस को जमकर छकाया। कभी गंगा किनारे लेकर पहुंचा तो कभी ग्रीनपार्क…. सख्ती होने पर कबूला कि आफिसर्स क्लब कैंपस में डीएम बंगले के बगल में एकता की लाश को 24 जून को दफन कर दिया था।
सहेलियों से नजदीकी देखकर चिढ़ती थी एकता
विमल सोनी की गिरफ्तारी और उसकी करतूत का भंडाफोड़ होने के बाद रविवार को अपर पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने बताया कि हत्यारोपित विमल सोनी के मुताबिक, मई महीने में उसकी शादी तय होने के बाद तिलक चढ़ाई गई थी। नवंबर में शादी होनी थी, इसकी भनक लगने पर एकता गुप्ता करीब 20 दिन तक जिम नहीं आई। 24 जून को जिम आने के बाद करीब सात बजे बाहर निकली तो विमल भी पीछे के रास्ते बाहर आया और उसे कार में बैठाकर समझाने लगा। इसी दौरान एकता ने शादी करने और जिम में ट्रेनिंग के दरमियान उसकी अन्य सहेलियों से बातचीत करने पर आपत्ति जताई। बहस बढ़ने पर विमल ने एकता के मुंह पर मुक्का मार दिया। मुक्के की मार से एकता बेहोश हुई तो उसने रस्सी से गला दबाकर मार डाला। इसके बाद लाश लेकर काफी देर तक शहर में इधर उधर घूमता रहा। करीब सवा आठ बजे सरसैया घाट होते हुए आफिसर्स क्लब कैंपस में पहुंचा और लाश को दफन कर दिया।
45 मिनट में दफनाया, अगले दिन फिर छिपाया
एकता की लाश को ठिकाने लगाने में विमल सोनी को करीब 45 मिनट लगे। आफिसर्स क्लब कैंपस में रोजाना कई घंटे का वक्त गुजारने के कारण वह चप्पे-चप्पे से वाफिक था। उसे मालूम था कि कैंपस में डीएम बंगले के बगल में एक गढ्डा है। उसने एकता की लाश को इसी गढ्डे में फेंकने के बाद मिट्टी से दफन कर दिया। वहां से लौटने के बाद विमल को लगा कि लाश के ऊपर मिट्टी कम है, ऐसे में एक-दो दिन में लाश सड़ने पर बदबू आने लगेगी, लिहाजा अगले दिन दोपहर में वह फिर मौके पर पहुंचा और लाश के ऊपर ज्यादा मिट्टी डालकर शहर छोड़कर भाग गया।