निजी स्कूलों को मान्यता, सरकारी बंद होने की कगार पर

जोशीमठ। जहां एक ओर उत्तराखंड सरकार शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों और कालेजों में पढ़ाने के लिए जोर दे रही है वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालयों को इंटर तक खोलने के लिए नियमों को ताक पर रखकर मान्यताएं दे रही है। जिससे सरकारी इंटर कालेज बंद होने की कगार पर है।
बताते चले कि जोशीमठ में तीन निजी स्कूलों को 12वीं तक की मान्यता मिल चुकी है लेकिन तीनों को नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दी गई है। निजी स्कूलों को मान्यता लेने के लिए स्कूल में बड़ा भवन मैदान लेबोरेट्री होनी चाहिए तथा उस स्कूल के बीच कोई अन्य स्कूल नहीं होना चाहिए लेकिन जोशीमठ में कोई भी स्कूल मानक पूरा नहीं कर रहे फिर भी मान्यताएं ले चुके है। इंटर कालेज में पिछले 6 साल पहले एक हजार से 12 सौ छात्र पढ़ते थे, लेकिन अब हालात यह है कि राइंका जोशीमठ में मात्र 200 छात्र अध्ययन कर रहे है। निजी स्कूलों को मान्यताएं मिलने से लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ना चाहते।जिससे सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर है, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आखिर नियमों के विरूद्ध कैसे निजी स्कूलों को मान्यता दी जा रही है। अगर सरकार ऐसे ही निजी स्कूलों को मान्यताएं देती रही तो वो दिन दूर नहीं जब सरकारी विद्यालय बंद हो जाएंगे। जोशीमठ ब्लाक के चार दर्जन प्राथमिक और जूनियर स्कूल पहले ही बंद हो चुके है। जोशीमठ में एक इंटरमीडिएट कालेज है जो ऐसी स्थिति में कुछ सालों में बंद हो सकता है। जोशीमठ के राइंका में लगभग 150 से 200 छात्र अध्यनरत है, जबकि सरकार द्वारा जोशीमठ में तीन स्कूलों को इंटरमीडिएट की मान्यताएं मिल चुकी है। जिससे सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार जोशीमठ में तीन निजी स्कलों को मान्यताएं देने से सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या कम हो गई है। पहले स्कूल में 2 से 3 हजार छात्र पढ़ते थे, लेकिन अब 100 से 200 छात्र पढ़ते है।

 

जिन स्कूलों को मिली 12वीं तक की मान्यता
शंकरा आदर्श विद्या मंदिर जोशीमठ ,

सरस्वती विद्या मंदिर जोशीमठ
एमजी विद्यालय जोशीमठ
वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित चमोला का कहना है कि निजी स्कूलों को मान्यता देने में नियम है बिना नियमों को पूरा किए बिना किसी स्कूल को मान्यता नहीं दी जाती है अगर कोई स्कूल आधे नियमों को पूरा करता है तो उस स्कूल को अवस्थाई मान्यता मिल सकती है लेकिन उस कुछ समय बाद पूरे नियमों का पालन करना होता है नियम पूरे होने पर स्कूल का मान्यता रद्द हो सकती है।

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