पाकिस्तानी आतंकवाद की पोल खोलेंगे भारतीय सांसद, अब दुनिया सुनेगी ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

India MP delegation: केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती से प्रस्तुत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को विश्व की प्रमुख राजधानियों में भेजने की तैयारी कर रही है. इन दौरों का उद्देश्य हालिया पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत का पक्ष स्पष्ट करना है, ताकि यह बताया जा सके कि भारत किस तरह से दशकों से पार सीमा आतंकवाद का शिकार रहा है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, ये बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही विदेशों की यात्रा पर निकल सकते हैं. इस पहल का मकसद पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशों का करारा जवाब देना है. खासतौर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया तीसरे पक्ष की मध्यस्थता संबंधी बयान के बाद भारत की यह प्रतिक्रिया और भी अहम मानी जा रही है, जिसे भारत पहले ही सिरे से खारिज कर चुका है और द्विपक्षीय वार्ता की नीति को ही उपयुक्त मानता है. 

विदेशों में गूंजेगा भारत का साझा स्वर

यह पहली बार है जब भारत सरकार ने एक बहुदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को किसी संवेदनशील सुरक्षा मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश भेजने का निर्णय लिया है. यह दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास यह संदेश देता है कि देश की राजनीतिक पार्टियां भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर एकजुट हैं.

इस पहल का संचालन विदेश मंत्रालय (MEA) और अन्य संबंधित सरकारी विभागों द्वारा मिलकर किया जा रहा है. भारतीय दूतावासों को इन सांसदों की विदेश यात्राओं के दौरान हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भारत की ओर से एक मजबूत और स्पष्ट संदेश दिया जा सके.

पाकिस्तानी आतंकवाद की पोल खोलेंगे भारतीय सांसद

इन सांसदों का मुख्य उद्देश्य विदेशी सरकारों और सांसदों को पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देना और पाकिस्तान की धरती से संचालित हो रहे आतंकवादी संगठनों की भूमिका के ठोस सबूत प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ ही वे यह भी बताएंगे कि भारत पिछले कई दशकों से राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका सबसे प्रमुख रही है.

ऑपरेशन सिंदूर पर होगा फोकस

प्रतिनिधिमंडलों की प्रस्तुति में ऑपरेशन सिंदूर भी एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा. भारत के अधिकारियों के अनुसार, यह ऑपरेशन केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाते हुए सर्जिकल सटीकता के साथ किया गया था. ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की ओर से जो प्रतिक्रिया आई, उसे भारत ने उकसावे की कार्रवाई बताया है.

वैश्विक मंच पर भारत की रणनीति

वर्तमान में जिन बिंदुओं को लेकर भारत अपना पक्ष रखने की योजना बना रहा है, उनमें शामिल हैं – आतंकवाद को लेकर भारत की पुरानी पीड़ा, राज्य प्रायोजित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता, और उकसावे के बावजूद भारत की उत्तरदायी सैन्य नीति. इस अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग करना है, साथ ही यह बताना है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का पूरा हक रखता है.

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