
-पर्यावरण मंत्री ने नियम में बताईं खामियां, समीक्षा जरूरी; सीएक्यूएम के साथ बैठक जल्द
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई से लागू ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (ईएलवी)’ नियम को लेकर विवाद बढ़ गया है। दिल्ली सरकार अब इस नियम पर पुनर्विचार के मूड में नजर आ रही है। हद यह है कि पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कम्मिसिअन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) को औपचारिक पत्र लिखकर ईएलवी नियम की प्रमुख व्यावहारिक खामियों को उजागर किया है और इसके क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक की मांग की है।
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा है, कि जब तक यह नियम पूरे एनसीआर (गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद आदि) में समान रूप से लागू नहीं होता, तब तक दिल्ली में इसे प्रभावी रूप से लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यह नियम जनता पर असुविधा और आर्थिक बोझ बन गया है। दिल्ली सरकार अब एक नई प्रणाली विकसित कर रही है, जिसमें वाहन केवल उनकी उम्र नहीं, बल्कि प्रदूषण स्तर के आधार पर रोके जाएंगे।
विपक्ष के दबाव में बदला रुख?
इस मामले को लेकर रेखा गुप्ता सरकार शुरु से ही विपक्षी दलों के निशाने पर रही है। ईएलवी नियम के तहत 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर बैन लगने के बाद हजारों गाड़ियां जब्त की जा चुकी हैं। विपक्ष का आरोप था कि सरकार ने बिना तैयारी और व्यापक संवाद किए बिना ही नियम लागू कर दिए। अब खुद सरकार के मंत्री इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने नियम को बिना तैयारी जनता पर बोझ बताते हुए कहा, कि दिल्ली के लोग पहले से ही ट्रैफिक और प्रदूषण से परेशान हैं। ऐसे में बिना पर्याप्त व्यवस्था के यह नियम लागू करना अनुचित है। गाड़ियों को उनकी उम्र नहीं, बल्कि उनके प्रदूषण स्तर के आधार पर आंका जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी गुरुग्राम और नोएडा जैसे एनसीआर क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं है, फिर सिर्फ दिल्ली पर ही बोझ क्यों डाला जा रहा है?
जल्द होगी सीएक्यूएम और दिल्ली सरकार की बैठक
मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया, कि सीएक्यूएम और दिल्ली सरकार के बीच इस विषय पर एक बैठक होने वाली है, जिसमें नियम की व्यापक समीक्षा की जाएगी। साथ ही उन्होंने एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) तकनीक को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि यह प्रणाली तकनीकी रूप से जटिल और खर्चीली है।
क्या हो सकता है अगला कदम?
सूत्रों की मानें तो यदि बैठक में सहमति बनी, तो पुराने वाहनों की जब्ती पर अस्थायी रोक लग सकती है या शर्तों के साथ छूट दी जा सकती है। हालांकि, अंतिम फैसला सीएक्यूएम को ही लेना है। फिलहाल, इस आशा पर कि नियम बदले जाएंगे दिल्ली के लाखों वाहन मालिक राहत की उम्मीद बांधे हुए हैं।