पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर…जानें क्या होता है ये और इसका इलाज संभव है या नहीं?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है और डॉक्टरों का मानना है कि यह कैंसर एक आक्रामक प्रकार का है, जो तेज़ी से शरीर में फैलता है। यह जानकारी बाइडन के कार्यालय द्वारा एक आधिकारिक बयान में दी गई। बयान में बताया गया कि पिछले सप्ताह जो बाइडन को मूत्र से जुड़ी कुछ असामान्य समस्याएं हुईं, जिसके चलते उनकी विस्तृत चिकित्सकीय जांच कराई गई। जांच के दौरान डॉक्टरों ने उनके प्रोस्टेट ग्रंथि में एक गांठ पाई, जिससे कैंसर होने का संदेह उत्पन्न हुआ। शुक्रवार को इस आशंका की पुष्टि हो गई कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है

चिकित्सकीय जांच में यह भी सामने आया है कि यह कैंसर अब हड्डियों तक फैल चुका है, जिससे स्थिति को गंभीर माना जा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि यह प्रोस्टेट कैंसर हार्मोन-संवेदनशील प्रकार का है, जिसका इलाज संभव है और आधुनिक चिकित्सकीय तरीकों से इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। वर्तमान में, पूर्व राष्ट्रपति बाइडन और उनके परिवारजन डॉक्टरों के साथ मिलकर इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और उनके उपचार की प्रक्रिया तय की जा रही है। बाइडन के स्वास्थ्य को लेकर अमेरिका सहित दुनियाभर में चिंता व्यक्त की जा रही है। 

राष्ट्रपति जो बाइडन की उम्र वर्तमान में 82 वर्ष है, और वे अब तक के अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति रह चुके हैं। बाइडन ने 2015 में उन्होंने अपने बड़े बेटे ब्यू बाइडन को ब्रेन कैंसर के कारण खो दिया था। इस दुखद घटना ने न केवल उनके पारिवारिक जीवन को गहराई से प्रभावित किया, बल्कि कैंसर के खिलाफ संघर्ष को उनकी एक प्रमुख प्राथमिकता भी बना दिया। बाइडन ने इसके बाद कैंसर अनुसंधान और इलाज को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियानों और नीतियों की शुरुआत की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन के जल्द ठीक होने की कामना की है। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “मेलानिया और मैं जो बाइडन की बीमारी की खबर से दुखी हैं। हम जिल और पूरे परिवार को शुभकामनाएं देते हैं और जो के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।”

क्या है प्रोस्टेट कैंसर?

प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन तंत्र का एक हिस्सा होता है, जिसमें लिंग (पेनिस), प्रोस्टेट, सीमेनल वेसिकल्स (वीर्य थैली) और अंडकोष (टेस्टिकल्स) शामिल होते हैं। प्रोस्टेट मूत्राशय (ब्लैडर) के ठीक नीचे और मलद्वार (रेक्टम) के सामने स्थित होता है। इसका आकार अखरोट जितना होता है और यह उस नली (यूरीथ्रा) को घेरे रहता है जिससे मूत्र बाहर निकलता है। प्रोस्टेट वह तरल बनाता है जो वीर्य (सीमन) का एक हिस्सा होता है। Mayo Clinic के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होने वाली कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है। प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे आम प्रकार के कैंसरों में से एक है। अधिकतर मामलों में यह शुरुआती चरण में ही पकड़ में आ जाता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। ऐसे कई मरीज़ होते हैं जिन्हें सही समय पर इलाज मिलने से पूरी तरह ठीक कर लिया जाता है। अगर कैंसर प्रोस्टेट से बाहर फैल जाए या शरीर के किसी और हिस्से में पहुंच जाए, तब भी इलाज के विकल्प मौजूद होते हैं।

प्रोस्टेट ग्रंथि की शरीर में स्थिति

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या हैं?

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण शुरू में बहुत हल्के या न के बराबर हो सकते हैं, इसलिए कई बार यह बीमारी बिना किसी संकेत के भी बढ़ती रहती है। लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अमेरिका के The Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर के सामान्य लक्षण ये हो सकते हैं

  • पेशाब करने में कठिनाई का होना
  • मूत्र का प्रवाह कमज़ोर या बाधित होना
  • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में
  • मूत्राशय को पूरी तरह खाली करने में परेशानी होना
  • पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना
  • पेशाब या वीर्य में खून आना
  • पीठ, कूल्हे या पेल्विक क्षेत्र में लगातार दर्द रहना
  • वीर्य स्खलन (ejaculation) के समय दर्द होना

हालांकि, ये लक्षण प्रोस्टेट कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि प्रोस्टेट का सामान्य बढ़ना (BPH) या मूत्र मार्ग संक्रमण। इसलिए लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

कैसे कर सकते हैं इससे बचाव?

Harvard Health के मुताबिक, अगर कोई पुरुष लंबे समय तक जीवित रहता है, तो उनमें से ज़्यादातर के प्रोस्टेट ग्रंथि में किसी न किसी समय कैंसर की कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं। लगभग 80% पुरुष जो 80 साल या उससे अधिक उम्र के होते हैं, उनके शरीर में किसी न किसी रूप में प्रोस्टेट कैंसर पाया जाता है। हालांकि, इनमें से बहुत ही कम पुरुषों में कैंसर की वह गंभीर किस्म विकसित होती है जो उनकी जीवन गुणवत्ता और उम्र को प्रभावित करती है। इस बीमारी से बचने का कोई एक निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ स्वस्थ रहना या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने की कोशिश करना इससे जोखिम कम कर सकता है।

Johns Hopkins Medicine के मुताबिक, स्वस्थ जीवनशैली और आहार में कुछ परिवर्तन कर इसके जोखिमों को कम किया जा सकता है। इनमें निम्न चीज़ें हो सकती हैं-

बेहतर आहार अपनाएं

  • वसा कम करें: ट्रांस फैट और संतृप्त वसा कम खाएं। नट्स, बीज और मछली से ओमेगा-3 जैसी स्वस्थ वसा लें।
  • फल और सब्जियां ज्यादा खाएं: हरी पत्तेदार सब्जियाँ और टमाटर (विशेषकर पका हुआ) खाएं क्योंकि इनमें लाइकोपीन होता है जो कैंसर से लड़ता है।
  • क्रूसीफेरस सब्जियां लें: जैसे ब्रोकली और फूलगोभी, जिनमें सल्फोराफेन नामक यौगिक होता है जो कैंसर से सुरक्षा कर सकता है।
  • ग्रीन टी और सोया शामिल करें: सोया से PSA स्तर कम हो सकता है और ग्रीन टी प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को घटा सकती है।
  • जली हुई या तली हुई मांस से बचें: क्योंकि उच्च तापमान पर पकाए गए मांस में कैंसर पैदा करने वाले रसायन बन सकते हैं।

स्वस्थ वजन बनाए रखें

  • मोटापा प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है और उम्र बढ़ने के साथ सही वज़न बनाए रखना ज़रूरी है।

नियमित व्यायाम करें

  • व्यायाम सूजन कम करता है, इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

धूम्रपान छोड़ें और शराब कम पिएं

  • धूम्रपान छोड़ने से कैंसर का खतरा कम होता है।
  • शराब पीते हैं तो सीमित मात्रा में पिएं। रेड वाइन में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं।

विटामिन D बढ़ाएं

  • विटामिन D कैंसर से बचाव में मदद करता है।
  • विटामिन D वाले खाद्य पदार्थ जैसे कॉड लिवर ऑयल, सैल्मन मछली और शिटाके मशरूम खाएं।
  • रोजाना 10 मिनट बिना सनस्क्रीन के धूप लें।
  • डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लीमेंट लें।

स्खलन से भी होता है बचाव

Harvard Health के मुताबिक, जो पुरुष अधिक बार स्खलन करते हैं, उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता दिखा है। लंबे समय से चले आ रहे एक अध्ययन के अनुसार, जिन पुरुषों का स्खलन मासिक 21 बार से ज्यादा होता था, उनमें प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम उन पुरुषों की तुलना में 20% कम पाया गया, जिनका स्खलन केवल चार से सात बार मासिक होता था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अधिक स्खलन क्यों सुरक्षा प्रदान करता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि वीर्य का स्राव प्रोस्टेट से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है।

कितना आम है यह कैंसर?

‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के हवाले से बताया है कि अमेरिका में प्रोस्टेट का कैंसर दूसरी सबसे आम कैंसर था और कैंसर से होने वाली मौतों में पांचवां प्रमुख कारण था। फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में वैश्विक स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर के  14,14,000 नए मामले दर्ज किए गए और 3,75,304 लोगों की मौत हुई। प्रोस्टेट कैंसर 112 देशों में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है और 48 देशों में यह कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है। कुछ प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर अत्यधिक आक्रामक होते हैं और ये तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों, विशेषकर हड्डियों तक फैल सकते हैं। ऐसे आक्रामक कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए PSA टेस्ट के साथ शारीरिक जांच सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

कानपुर चिड़ियाघर पर मंडराया बर्ड फ्लू फैलने का खतरा कानपुर में डॉक्टरों के तबादलों में खेल की रिपोर्ट शासन को भेजी गई भारत-पाक सीजफायर के बीच कब होगा लुधियाना वेस्ट का उपचुनाव? मथुरा में 90 बांग्लादेशी गिरफ्तार MS Dhoni बोले : मुझे जवाब देने की जरूरत नहीं, मेरी फैन फॉलोइंग ही काफी है