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नई दिल्ली । भारत में पेट्रोल पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, इसके बजाय राज्यों द्वारा पेट्रोल पर वैल्यू एडेड टैक्स लगाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल पर वैट की दरें अलग होती है, लेकिन आंध्र प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां पर पेट्रोल पर सबसे ज्यादा टैक्स लिया जाता है। इस राज्य में पेट्रोल पर कुल मिलाकर 31 फीसदी वैट के अलावा अन्य टैक्स भी लगाए जाते हैं, जिनकी वजह से एक लीटर पेट्रोल पर खर्च बढ़ जाता है।
आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर 31 फीसदी वैट लगता है, जो कि राज्य सरकार द्वारा तय किया गया है। इसके साथ ही चार रुपये प्रति लीटर वैट और एक रुपये प्रति लीटर सड़क विकास उपकर भी लिया जाता है। यही नहीं इस पर वैट भी लागू किया जाता है, जिससे पेट्रोल की कीमत और बढ़ जाती है। इस तरह आंध्र प्रदेश में पेट्रोल की कीमत में टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। आंध्र प्रदेश के बाद तेलंगाना का नंबर आता है, जहां पर पेट्रोल पर 35.20 फीसदी वैट लगाया जाता है। तेलंगाना में यह टैक्स दर ज्यादा है, जिससे वहां पेट्रोल की कीमत आंध्र प्रदेश से कम नहीं होती। हालांकि, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि तेलंगाना में वैट के अलावा अन्य कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया जाता है, लेकिन इसका प्रभाव पेट्रोल की कीमतों पर जरूर पड़ता है।
भारत के अन्य राज्यों में भी पेट्रोल पर अलग-अलग दरों पर वैट लिया जाता है। राज्यों द्वारा लगाए गए टैक्स के कारण पेट्रोल की कीमतों में अंतर आता है। जैस महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में वैट की दरें कम हैं, लेकिन फिर भी हर राज्य में पेट्रोल की कीमतों पर असर पड़ता है। भारत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर हमेशा चर्चा होती है और यह किसी राज्य की बढ़ी हुई वैट दरों के कारण प्रभावित होती है। पेट्रोल की बढ़ोतरी से आम जनता को रोज़ाना के खर्चों में इजाफा होता है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी वृद्धि होती है, जिससे सामानों की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकारों को इस पर नियंत्रण पाने की दिशा में काम करने की जरुरत महसूस हो रही है।