बलरामपुर में छांगुर बाबा पर बड़ा एक्शन : इस तरह चलाता था धर्मांतरण का नेटवर्क, विदेशी फंडिंग के जरिए 100 करोड़ तक का…

बलरामपुर: धर्मांतरण नेटवर्क चलाने और विदेशी फंडिंग से बेशुमार संपत्ति बनाने के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की 3 दिन पहले गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. छांगुर बाबा के करोड़ों के महलनुमा कोठी पर बुलडोजर चला दिया. यह कोठी सरकारी जमीन पर बनी बताई जा रही है. इसी में अस्पताल भी है. बताते हैं कि छांगुर बाबा यहीं पर नवीन और नीतू रोहरा के साथ रहता था. यहीं से वह धर्मांतरण का काम करता था.

नवीन उर्फ जमालुदीन और उसकी पत्नी नीतू उर्फ नसरीन की मुलाकात मुंबई में छांगुर बाबा से हुई थी. दोनों बाबा से प्रभावित होकर उतरौला चले आए और यहीं जमीन खरीद कर अस्पताल बनवाने लगे. इसी को छांगुर ने अपना ठिकाना भी बना लिया.

यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क को चलाने वाले 50 हजार के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को 5 जुलाई को गिरफ्तार किया था. दूसरी आरोपी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन भी गिरफ्तार की गई है. सभी पर विदेशी फंडिंग से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है. एसटीएफ की जांच में पता चला कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (असली नाम करीमुल्ला शाह) पिछले तीन-चार सालों से मधपुर में रह रहा था.

छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने मुंबई के सिंधी नवीन रोहरा, नीतू रोहरा और बेटी समाले नवीन रोहरा का ब्रेनवाश कर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया. धर्म परिवर्तन के बाद सभी का नाम कलीमुद्दीन, नसरीन और सबीहा नाम रखा था. छांगुर बाबा खुद को पीर बाबा और सूफी बासफा हजरत बाबा जलालुद्दीन कहता था. ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक के माध्यम से इस्लाम का प्रचार करता था.

लखनऊ की गुंजा गुप्ता को अबू अंसारी ने नाम बदलकर फंसाया था: जांच में यह भी सामने आया था कि गिरोह में शामिल लड़के नाम बदलकर लड़कियों को फंसाते थे. फिर धर्मांतरण कराया जाता था. लखनऊ की गुंजा गुप्ता को अबू अंसारी ने अमित नाम रखकर प्रेमजाल में फंसाया और छांगुर शाह की दरगाह ले गया. वहां इस्लाम अपनाने वाले कलीमुद्दीन और नसरीन ने गुंजा गुप्ता का ब्रेनवाश किया. इस्लाम कबूल करवाकर गुंजा का नाम अलीना अंसारी रख दिया.

धर्मांतरण का रेट : एसटीएफ चीफ अमितभा यश के मुताबिक , जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह ने धर्मांतरण के लिए बाकायदा धनराशि तय कर रखी थी. ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय लड़की को इस्लाम कबूल कराने पर 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लड़की के लिए 10 से 12 लाख रुपये और अन्य जाति की लड़कियों के लिए 8 से 10 लाख रुपये का रेट तय थे.

विदेशी फंडिंग : गिरोह के सदस्यों द्वारा लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं किए जाने की जानकारी मिली है. इसके अलावा, गिरोह के सदस्यों ने अपनी और अन्य संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे, जिनमें लगभग 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है. यह विदेशी फंडिंग के माध्यम से धर्मांतरण की पुष्टि करता है.

धमकी भी देते थे : थाना उतरौला में दर्ज शिकायत में यह भी बताया गया है कि छांगुर बाबा, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर, नसरीन जैसे गैंग के प्रमुख सदस्य गरीब और असहाय व्यक्तियों को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाते थे. बात न मानने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने की धमकी देकर दबाव बनाते थे.

पहले भी दर्ज हैं मामले : छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के खिलाफ आजमगढ़ के थाना देवगांव में अवैध धर्मांतरण के आरोप में पहले से ही केस दर्ज है, जो इस गिरोह की आपराधिक गतिविधियों को और पुष्ट करता है. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है.

कई जगह प्रॉपर्टी: अभी तक की छानबीन में यह बात भी सामने आ रही है कि छांगुर ने ने पुणे में भी प्रॉपर्टी बनाई. उसने लोनावला में करीब 16 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी. एसटीएफ के मुताबिक छांगुर बाबा के नेटवर्क को विदेशों से फंडिंग मिल रही थी. एसटीएफ छांगुर की अन्य संपत्तियों के बारे में भी पता कर रही है. एक अनुमान के मुताबिक छांगुर की कुल संपत्ति करीब 100 करोड़ रुपये तक है.

कभी साइकिल पर नग बेचता था : बताते हैं किछांगुर बाबा वर्ष 2015 तक साइकिल पर नग बेचता था. गांव-गांव नग बेचते-बेचते उसने अपनी अलग पहचान बनाई. इसके बाद वह पहले मुंबई और फिर सऊदी अरब चला गया. सऊदी से लौटने के बाद छांगुर बाबा ने मुंबई में अपना नेटवर्क फैलाया. चंदौलिया बाबा की मजार के पास एक आश्रम बनाया. उनके यहां काफी लोग आने-जाने लगे. छंगुर बाबा ने अधिकारियों, जजों, पुलिस अधिकारियों और एसपी एवं डीएम स्तर के अधिकारियों से नजदीकी संबंध बनाए.

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