बीजिंग रक्षा बजट को युद्ध की तैयारी में करेगा खर्च

-चीन की सेना पीएलए के ऐलान से मची हड़कंप
-अमेरिका की आलोचना और ताईवान को चेताया

बीजिंग । चीन ने फैसला लिया है कि वह अपनी सेना की ताकत बढ़ाने के लिए रक्षा बजट को युद्ध की तैयारी में खर्च करेगा। इसके लिए चीन ने रक्षा बजट में बढ़ोतरी भी की है। चीन के इस कदम से दुनिया में युद्ध को लेकर हड़कंप मंचा हुआ है।

जानकारी अनुसार चीनी सेना (पीएलए) के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन के रक्षा बजट का ज्यादातर हिस्सा युद्ध में भेजे जाने वाली सेना को तैयार करने में लगाया जाएगा। इसके पीछे जो कारण बताया जा रहा है वह देश और विदेश की चुनौतियों को प्रमुखता प्रदान करने वाला है। दरअसल एनपीसी यानी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र में पीएलए प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हित की रक्षा के लिए रणनीतिक क्षमता में व्यापक सुधार करना प्रमुख लक्ष्य है। वर्तमान में देश जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें अस्थिरता और अनिश्चितता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बढ़ा हुआ रक्षा बजट मुख्य रूप से युद्ध के लिए सेना को मजबूत करने के लिए पंचवर्षीय योजना के तहत प्रमुख रणनीतिक परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीक, विज्ञान, रसद, हथियार और उपकरणों पर पैसा लगाया जाएगा। इससे पहले एनपीसी सत्र का शुभारंभ कर रहे प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा था कि सैन्य खर्च 7.2 फीसदी से बढ़ाकर 1.69 ट्रिलियन युआन (यानी 235 अरब अमेरिकी डॉलर) के करीब कर दिया गया है।
यहां वू कियान ने कहा कि पीएलए सीमित बजट को ध्यान में रखकर उच्च दक्षता और कम खपत की अवधारणा को मजबूत करेगा। उन्होंने सब कुछ परिश्रमपूर्वक और मितव्ययिता के साथ करने पर भी जोर दिया है।

लोगों का कहना था कि चीन के रक्षा बजट को लेकर जो बातें की गईं हैं, वे आसामान्य स्थिति खासतौर पर युद्ध काल में की जाती हैं। यही कारण है कि चीन के पड़ोसी और अनबन वाले देशों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ वू कियान ने यह भी कहा कि सेना में बढ़े हुए खर्च का एक अन्य लाभार्थी वैश्विक शांति होगी, जिसमें चीनी कर्मी शांतिरक्षा, नौसैनिक अनुरक्षण और मानवीय बचाव जैसे अंतरराष्ट्रीय अभियानों में हिस्सा लेंगे।


खास बात यह है कि वू ने ताइवान को अमेरिकी हथियारों की बिक्री किए जाने की कड़ी निंदा की है। वू ने इसे गलत हस्तक्षेप कहते हुए विरोध जताया है। इसी के साथ उन्होंने ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते को चेतावनी दी है। उन्होंने विलियम लाई से कहा है कि हम शांतिपूर्ण विलय की संभावना के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करने और प्रयास करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम ताइवान की आजादी के अलगाववादी कृत्यों के लिए किंचितमात्र भी जगह नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि पीएलए युद्ध प्रशिक्षण और तैयारी को मजबूत करना जारी रखेगा और दृढ़ता से स्वतंत्रता के लिए लड़ेगा और एकीकरण को बढ़ावा देगा।

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