बीजेपी के फायर ब्रांड नेता टी राजा सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा? जानिए 5 बड़ी वजह

T Raja Singh resignation: तेलंगाना में बीजेपी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसके फायर ब्रांड नेता और विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनका यह कदम उन रिपोर्ट्स के कारण आया, जिनमें यह कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता रामचंदर राव बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं. राजा सिंह ने कहा कि ऐसा कर पाना मुश्किल हो गया है कि हम सब कुछ सामान्य मान लें. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बदलाव से ‘शॉक और निराशा’ हुई है.
तेलंगाना बीजेपी के अंदर ऐसे कदम से स्पष्ट रूप से आन्तरिक विवाद की झलक मिलती है. पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर यह टकराव गहरा असर डाल सकता है. राजा सिंह को गोशामहल विधानसभा क्षेत्र में हिंदुत्व समर्थक नेता के रूप में जाना जाता है और उनका इस्तीफा बीजेपी के चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है.

राजा सिंह के इस्तीफा देने की 5 बड़ी वजहें

  1. राजा सिंह ने रामचंद्र राव के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने से काफी नाराज हैं. उनका यह इस्तीफा बीजेपी को तीव्र आंतरिक बहस की स्थिति में छोड़ गया है. राव के प्रदेश अध्यक्ष बनने की खबर से पार्टी के भीतर कुछ वर्गों में असंतोष है. वहीं राजा सिंह जैसे समर्थकों का इस्तीफा इस विवाद की गहनता को दर्शाता है.
  2. राजा सिंह ने कहा कि राव का अध्यक्ष बनाने का निर्णय लाखों कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात को दर्शाता है, जो हर अच्छे-बुरे समय में पार्टी के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल मेरे लिए, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए भी झटका है, जिन्होंने बीजेपी का समर्थन किया. तेलंगाना में बीजेपी अपनी पहली सरकार बनाने के करीब थी, लेकिन गलत नेतृत्व के चयन की वजह से ऐसा नहीं हो पाया.
  3. राजा सिंह ने कहा कि नया बीजेपी अध्यक्ष पर्दे के पीछे से शो चलाने वाले व्यक्तियों द्वारा थोपा गया नेतृत्व है. यह न केवल जमीनी कार्यकर्ताओं के बलिदान को कमतर आंकता है बल्कि पार्टी को टालने योग्य असफलताओं की ओर धकेलने का जोखिम भी पैदा करता है.”
  4. राजा सिंह ने कहा कि तेलंगाना में पार्टी के हितों पर निजी हित हावी हो रहे हैं. इसलिए मैं चुप नहीं रह सकता या यह दिखावा नहीं कर सकता कि सब ठीक है. राजा सिंह की यह संगठनात्मक असंतोष को प्रकट करती है. उनका इस्तीफा बीजेपी की संरचनात्मक चुनौतियों की ओर संकेत करता है.
  5. राजा सिंह ने कहा कि बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझा जाना चाहिए. मैं सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूं, जो आज निराश महसूस कर रहे हैं.
इस्तीफे से पहले, राजा सिंह पार्टी की राज्य इकाई में हो रहे अंतरविरोध की आंच लगातार महसूस कर रहे थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पार्टी नेतृत्व उनकी नुमाइंदगी और उनके समर्थक नेताओं को नजरअंदाज कर रहा है. इससे पहले मार्च 2025 में उन्होंने पार्टी नेताओं पर सरकार से छुपकर किसी संगठन या नेता से दोस्ती की संदेहास्पद बात की थी.

‘पार्टी का सर्वनाश नहीं देख सकता’

भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने पर विधायक टी राजा सिंह ने कहा, “यह मेरा निजी फैसला है. मैं अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकता. कुछ लोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके राज्य में पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं और मैं ऐसा होते हुए नहीं देख सकता.” “हमें एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत है जो आक्रामक हो” विधायक टी राजा सिंह कहते हैं, “मैं हमेशा पार्टी से कहता रहता हूं कि तेलंगाना में भाजपा सरकार बना सकती है. आज पार्टी के कार्यकर्ता, बूथ स्तर के कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. हालांकि, जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की घोषणा की बात आती है, तो पार्टी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि किस तरह के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. मैं लगातार पार्टी के भीतर बूथ स्तर से लेकर पार्टी नेताओं तक प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर चर्चा की वकालत करता रहा हूं. हमें एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत है जो आक्रामक हो. खासकर तेलंगाना के लोगों को हिंदुत्व की बात करने वाले पसंद हैं…” “मैं कब तक इस अन्याय को बर्दाश्त कर सकता हूं” राजा सिंह ने कहा, “मैं 2014 में भाजपा में शामिल हुआ था, लेकिन तब से मुझे पार्टी के भीतर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, जिसमें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाए जाने और मेरे निर्वाचन क्षेत्र को निशाना बनाए जाने जैसी मुश्किलें शामिल हैं. मैं कब तक इस अन्याय को बर्दाश्त कर सकता हूं?…हमारा भी दम घुट रहा है पार्टी में…मैं भाजपा में रहूं या न रहूं, मैं मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी का समर्थक रहूंगा…पार्टी कार्यकर्ता एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं जो हिंदुत्व के बारे मेंबात करे…”  

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