न्यूयॉर्क(ईएमएस)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लंबे समय से धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। जिसकी अंतिम सुनवाई और गवाही पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ फैसले का इंतजार है। माना जा रहा है कि करीब 21 सौ करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संपत्ति के बारे में कर्ज देने वाले बैंकों से झूठ बोला। न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने इस मामले को दायर किया था। जेम्स ने कहा है कि सुनवाई के दौरान ट्रंप की धोखाधड़ी और खुल कर सामने आई और वह पूरी तरह अपने आप को निर्दोष साबित करने में नाकाम दिखे।
अगर ट्रंप दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कम से कम 250 मिलियन डॉलर यानी 2100 करोड़ का जुर्माना लगाने की माग की गई है। साथ ही न्यूयॉर्क जहां ट्रंप के ढ़ेर सारे बिजनेस से जुड़ी संपत्तियां हैं, उस न्यूयॉर्क में ट्रंप के व्यापार करने पर कुछ हद तक प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। ट्रंप को लेकर चल रहे इस मामले की सुनवाई जस्टिस आर्थर एंगोरोन कर रहे हैं। 11 जनवरी को इस मामले में आखिरी बहस पूरी हो जाने के बाद आर्थर फैसला सुना सकते हैं।
इधर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकील क्रिस किसे ने कहा कि 11 हफ्ते तक यह सुनवाई चली लेकिन उनके मुवक्किल के खिलाफ कुछ भी ठोस नहीं निकला। ट्रंप के वकील ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने अपने बैंकरों से कोई भी धोखाधड़ी नहीं की है। साथ ही बैंकों को कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचाया और बैंक अब भी उन्हें अपना एक अहम ग्राहक मानते हैं। इस मामले की सुनवाई 2 अक्टूबर को शुरू हुई थी। यह मामला पूरी तरह से फाइंनेंनशियल डॉक्यूमेंट्स और मुकदमे से संबंधित एक्सपर्ट्स की गवाही पर आधारित था। साल 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर डोनाल्ड ट्रंप अपनी दावेदारी मजबूती से रख रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर ट्रंप को बढ़त भी है लेकिन कई मुकदमें उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि ट्रंप का कहना है कि उन पर लगे आपोप झूठे हैं और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। ट्रंप ने पिछली सुनवाई के दौरान यह माना था कि ये ठीक बात है कि उनके फाइनेंनशियल डॉक्यूमेंट्स में कुछ गड़बड़ियां थीं लेकिन उनके बैंकों को इससे कुछ नुकसान नहीं हुआ।
ट्रंप को लेकर यह मुकदमा न केवल उनकी राजनीति बल्कि उनके व्यापार की नजर से भी बहुत अहम है। यह तो खैर एक सिविल मुकदमा था लेकिन ट्रंप पहले ही से चार आपराधिक केसेज का सामना भी कर रहे हैं। ऐसे में लगातार कानूनी घटनाक्रम की वजह से ट्रंप को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इससे उनका चुनाव प्रचार भी प्रभावित हो रहा है। हालांकि ट्रंप अब भी रिपब्लिकन पार्टी के दावेदार के तौर पर अपने प्रतिद्वंदियों से काफी आगे हैं।