भारत में गंगा नदीं को मां का दर्जा दिया जाता है. लेकिन अगर उसे नदी के नजरिये से देखे वो नदी कम गंदे नाले में ज्यादा दिखती है. जिसकी सफाई के लगातार सरकार काम भी कर रही है. लेकिन हर रोज नदी का पानी दूषित होता जा रहा है. जिसके बाद अब यमुना के पानी को लेकर भी साधु-संत सरकार ने कार्रवाई करने की मांग कर रहे है. दरअसल, इन दिनों मथुरा में शाही कुंभ चल रहा है. जहां शाही स्नान करने आए साधु-संतों में सरकार प्रशासन को लेकर गुस्सा देखने को मिल रहा है. लेकिन इस बीच अगर हम आपको कहें कि देश में एक ऐसी नदी भी है जो बिल्कुल शीशे की तरह साफ है तो क्या आप यकीन करेंगे शायद नहीं. लेकिन ये सच है.
जीहां मेघालय राज्य में एक ऐसी नदी है जिसे सबसे साफ नदी का टैग मिला हुआ है. इस नदी में नाव पर सवारी करने पर ऐसा लगता है मानों कांच पर नाव चल रही हो. इस नदी का नाम है उमनगोत. लेकिन यह डौकी के नाम से प्रसिद्ध है. पर्यटकों ने इस नदी की कई तस्वीरें अपने सोशल अकाउंट पर शेयर किया है. पर्यटकों द्वारा इसकी तस्वीरें शेयर किए जाने के बाद इस नदी की सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी. लोग ये जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर यह नदी कौन सी है. और सबसे बड़ी बात कि इस नदी की तस्वीर लोगों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित कर रही है.
इस नदी का नाम है उमनगोत है, लेकिन यह डौकी नाम से प्रसिद्ध है ये नदी भारत- बांग्लादेश सीमा के पास एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का दर्जा प्राप्त गांव मॉयलननोंग से गुजरती है और बांग्लादेश में बहने से पहले ये जयन्तिया और खासी हिल्स के बीच से गुजरती है. 2003 में मॉयलननोंग को गॉड्स ऑन गार्डन का दर्जा मिला था. यहां नदी की साफ सफाई के अलावा एक और चीज सबका ध्यान आकर्षित करती है. वो है कि यहां पर 100 प्रतिशत साक्षरता है. इस नदी कि सफाई भी यहां के लोगों के शिक्षित होने का सुबूत पेश करती है. इस नदी को देख कर ऐसा लगता है जैसे घर में रखा एक्वेरियम हो.
इस नदी के पास के नजारे भी अद्भुत हैं. यहां पक्षियों की चहचहाहट के साथ नदी में पड़ती सूरज की किरणें बेहद सुकून देने वाली होती हैं और एक प्राकृतिक वातावरण का एहसास दिलाती है. यहां का माहौल इतना अच्छा रहता है कि गिरने वाले पानी की आवाज को आराम से सुना जा सकता है. नवंबर से अप्रैल तक का मौसम यहां घूमने के लिए सबसे उचित है. तो अगर आप भी चाहते हैं प्रकृति कि गोद का आनंद लेना तो आपके लिए ये बेस्ट ऑप्शन है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी पाई जाती हैं. सर्दियों में यह नदी और भी सुंदर और साफ हो जाती है, यहां आने वाले सभी पर्यटकों से कहा जाता है कि वे किसी भी तरह की गंदगी न फैलाएं, अगर ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. यहां के लोग इस नदी की सफाई का व्यक्तिगत तौर पर ख्याल रखते हैं.