मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस्तीफे में क्या कहा? यहाँ पढ़े अब तक की पूरी कहानी

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार (9 फरवरी) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय भल्ला से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इससे पहले बीरेन सिंह ने रविवार सुबह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। दिल्ली से लौटने के बाद शाम को मुख्यमंत्री अपने कुछ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल भल्ला को इस्तीफा सौंप दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 1-2 दिन में मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हो जाएगा और तब तक राज्यपाल ने बीरेन सिंह से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए कहा है। सोमवार से मणिपुर विधानसभा का सत्र शुरू होना था और अटकलें लगाई जा रही थीं कि विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में था। बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के तुरंत बाद मणिपुर विधानसभा के बजट सत्र को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अगले मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद ही विधानसभा सत्र शुरू होगा। 

बीरेन सिंह ने इस्तीफे में क्या कहा?

बीरेन सिंह ने राज्यपाल के नाम लिखे अपने इस्तीफे में कहा है, “अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। मैं हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए समय पर कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास के काम और विभिन्न परियोजनाओं को अमल में लाने के लिए केंद्र सरकार का आभारी हूं। आपके कार्यालय (राज्यपाल) के माध्यम से केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इसे जारी रखा जाए।”

साथ ही, बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में केंद्र सरकार से कुछ मांगें भी की हैं जिनमें ‘हजारों वर्षों के समृद्ध इतिहास वाली मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना’, ‘सीमा पर घुसपैठ पर नकेल कसना और अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के लिए नीति बनाना’, ‘नशीली दवाओं और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखना’ और ‘बॉयोमैट्रिक को सख्ती से लागू करने के साथ एफएमआर (मुक्त आवाजाही व्यवस्था) के कड़े और संशोधित तंत्र को जारी रखना’ जैसी मांगे शामिल हैं।

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हिंसा के बाद से बीरेन पर था इस्तीफे का दबाव

2017 में पहली बार मणिपुर के मुख्यमंत्री बने बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का राज्य में यह लगातार दूसरा कार्यकाल था। मणिपुर में 3 मई 2023 से मैतेई और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से विपक्ष लगातार बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा था। उन पर हिंसा पर नियंत्रण करने में नाकाम रहने के आरोप लगाए गए थे। गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा को लेकर कुछ हफ्तों पहले बीरेन सिंह ने लोगों से माफी भी मांगी थी। मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हज़ारों लोग बेघर हो गए थे। हालांकि, पिछले करीब एक महीने से राज्य में शांति का माहौल है।

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