मनीष हत्याकांड : एसटीएफ समेत कानपुर पुलिस की 6 टीमों ने आरोपित पुलिस कर्मियों की तलाश में दी ताबड़तोड़ दबिशें

 
वसूली के उद्देश्य से होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर-512 में जांच करने पहुंचा था आरोपी इंस्पेक्टर

 
कानपुर।  गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कानपुर के मनीष गुप्ता की मौत के मामले की जांच कर रही एसआईटी परत दर परत सच्चाई को सामने ला रही है। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि रामगढ़ ताल थाने की पुलिस वसूली के उद्देश्य से होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर-512 में जांच करने पहुंची थी। इस दौरान मनीष ने पुलिस की ज्यादती का विरोध किया तो उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।


अब होटल मालिक को भी पुलिस बना सकती है आरोपी
एसआईटी में शामिल एक अफसर ने बताया कि गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में होटल प्रशासन और पुलिस की साठगांठ से वसूली का तगड़ा खेल चलता था। होटल में कोई भी मालदार पार्टी देखकर थाने में चुपचाप इसकी सूचना दे दी जाती थी। फिर रामगढ़ ताल के थानेदार देर रात भारी फोर्स के साथ छापेमारी करते थे। तलाशी के दौरान मोटा कैश या कुछ भी संदिग्ध मिलता तो डरा-धमका कर होटल में ठहरने वालों से मोटी वसूली करते थे। हमेशा की तरह 27 सितंबर की रात को भी होटल से सूचना मिलते ही रामगढ़ ताल थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह टीम के साथ छापेमारी करने पहुंचे थे। होटल के अन्य किसी भी कमरे को चेक नहीं किया और सीधे मनीष के कमरा नंबर-512 पर छापेमारी की थी। इस दौरान मनीष और उसके दोस्तों के साथ कमरे की सघन तलाशी, तीनों का पहचान पत्र, आधार कार्ड और सख्ती से पूछताछ शुरू हो गई। मनीष ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने मारपीट शुरू कर दी और इतना पीटा की मनीष की होटल में ही मौत हो गई।

होटल प्रशासन भी बनेगा आरोपी

एसआईटी में शामिल एक अफसर ने बताया कि होटल प्रशासन की ओर से पहले ही रामगढ़ ताल थाने में वसूली के लिए चुपचाप सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस ने होटल में छापेमारी की और तलाशी के दौरान गहमा-गहमी होने पर मनीष गुप्ता से थाना प्रभारी की बहस हो गई थी। इससे झल्लाए थानेदार और साथी पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पीटा था। इसके बाद मनीष ने दम तोड़ दिया था। अब होटल प्रशासन को भी एफआईआर में संलिप्तता का आरोपी बनाया जा सकता है।

पुलिसवालों के खिलाफ लिए जाएंगे गिरफ्तारी वारंट

गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के आरोपित पुलिसवालों पर शिकंजा कसता जा रहा है। 1-2 दिन में पुलिस सभी 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वॉरंट जारी करवाने के लिए आवेदन दे सकती है। एसटीएफ के अलावा कानपुर पुलिस की 6 टीमों ने शुक्रवार को भी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन कोई हाथ नहीं लगा। सूत्रों के अनुसार,सबूत जुटाने में लगीं कानपुर पुलिस की एसआईटी फिलहाल गोरखपुर में ही मौजूद है। सबूत इकट्ठा करने का काम काफी हद तक पूरा किया जा चुका है।

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