
गुवाहाटी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के पूर्व सदस्य समेदुर रहमान की 4.90 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
ईडी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा है कि समेदुर रहमान की संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सीज किया गया है। संपत्ति में 1.52 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति (आवासीय भूखंड), 3.38 करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी और म्यूचुअल फंड शामिल हैं।
एपीएससी के माध्यम से अभ्यर्थियों की अवैध भर्ती में शामिल उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। बयान में कहा गया है कि इस मामले के मुख्य आरोपितों में से एक समेदुर रहमान और एपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश पाल ने 2013 और 2014 की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं में अंकों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया और मूल उत्तर पुस्तिकाओं को बदल दिया। कुछ अभ्यर्थियों के मामले में मनगढ़ंत/नकली पुस्तिकाएं… पैसे के बदले एपीएससी के जरिए उन्हें रोजगार मुहैया कराया। अभियुक्तों पर ‘आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से सर्कल अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर उम्मीदवारों की अवैध भर्ती’ का भी आरोप लगाया गया था।
जांच में पता चला कि समेदुर रहमान और उनके परिवार के सदस्यों के खातों में भारी मात्रा में नकदी जमा की गई थी, जब वह एपीएससी में बोर्ड के सदस्य थे। ईडी के बयान में कहा गया है कि इन फंडों को बाद में विभिन्न बीमा पॉलिसियों, म्यूचुअल फंड और आवासीय भूखंडों में निवेश किया गया था।
उल्लेखनीय है कि 4 नवंबर 2016 को शाम करीब पांच बजे तत्कालीन अध्यक्ष राकेश पाल सहित कई अन्य को रिश्वत लेने के आऱोप में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद 9 नवंबर 2016 को सदस्य डॉ. समेदुर रहमान को पुलिस ने रंगिया स्थित उसके ही आवास से गिरफ्तार किया था। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के साथ जमानत दी थी। राकेश पाल के तहत एसीएस और एपीएस सहित 52 राजपत्रित अधिकारियों सहित लगभग 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इनमें से कई को जमानत मिल गई।