यूपी में शराब के शौकीन ध्यान दें, अब घर पर शराब रखने के लिए लेना होगा लाइसेंस

लखनऊ । यूपी में अब शराब की शौकीन अपने घरों में शराब की बोतलें नहीं रख पाएंगे। इसको लेकर आबकारी विभाग ने नियम जारी किए हैं। सूत्रों के अनुसार घर में शराब की बोतल रखने वालों को अब लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए अधिकतम लिमिट भी तय की गई है। नए नियम के मुताबिक अब घरों में चार बोतलों से ज्यादा नहीं रख पाएंगे। शराब की 15 कैटेगरी में 72 बोतल ही अधिकतम रखी जा सकती है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जो घर पर अपना निजी बार बनाना चाहते हैं उन्हें इसके लिए कानूनी मान्यता मिलेगी। अब घर में 750 एमएल की चार बोतल शराब ही रख सकते हैं। 

इसमें दो भारतीय ब्रांड और दो विदेशी ब्रांड शामिल रहेंगी। नए नियम के मुताबिक अगर बिना लाइसेंस के पकड़े गए तो भारी जुर्माना भी वसूला जा सकता है। आबकारी विभाग के नए नियम के मुताबिक होम बार लाइसेंस के लिए 12 हजार फीस और 51 हजार सिक्योरिटी मनी देनी होगी जो कि पूरे एक साल के लिए मान्य होगा। नए नियमों के अनुसार अगर आप दुकान पर थोक में शराब खरीदने जाते हैं तो आपसे दुकानदार होम बार लाइसेंस दिखाने के लिए भी कह सकता है। 

यूपी में बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों (माइक्रो ब्रेवरीज) की संख्या बढ़ाने की फैसला किया गया है। इसके साथ ही शापिंग मॉल में विदेशी और अंग्रेजी शराब की दुकानें की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव संजय आर.भूसरेड्डी ने सभी जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि अब तक नोएडा, गाजियाबाद, बरेली, लखनऊ, आगरा में कुल 11 माइक्रोबिवरीज लगाई जा सकी हैं और प्रीमियल रिटेल वेंड शाप भी अभी संख्या में कम ही खुल पाये हैं। बड़े शहरों मे माइक्रोब्रिवरी और प्रीमियम रिटेल वेंड शाप खुलने की पर्याप्त सम्भावना हैं। उन्होंने सभी जिला आबकारी अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में इच्छुक लोगों से संपर्क कर अधिक से अधिक माइक्रोबिवरी और प्रीमियम रिटेल वेंड शाप खोले जाने के लिए प्रयास करे।

 माइक्रो बिवरी एवं प्रीमियम रिटेल वेंड शाप के संबंध में समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि कोविड के दौरान रिटेल बाण्ड शाप नहीं खुल पाई, प्रयास कर के अधिक से अधिक खुलवाने का प्रयास किया जाए। बैठक में अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा में निचले पायदान पर रहे अंतिम 10 जिलों की प्रवर्तन कार्यवाही पर असंतोष व्यक्त करते हुए और अधिक सुधार लाए जाने के कड़े निर्देश दिए गए। आबकारी आयुक्त संथिल पांडियन सी. द्वारा प्रभार के उप आबकारी आयुक्तों को उनके प्रभार के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले जिलों का नोडल बनाने का निर्देश संयुक्त आबकारी आयुक्त जोन्स को दिया गया।

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