
राजस्थान के प्रमुख शहरों में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार खराब हो रही है। जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर हर जगह हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कोरोना की पहली लहर यानी पिछले साल नवंबर में सबसे ज्यादा 71 हजार 130 संक्रमित सामने आए थे। इस साल दूसरी लहर अप्रैल में तेज हुई और अप्रैल के 17 दिन के भीतर ही 71 हजार 206 केस आ गए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज (रविवार) कैबिनेट की बैठक बुलाई है। उसके बाद देर शाम ओपन बैठक बुलाई है, जिसमें लॉकडाउन के बढ़ाने पर निर्णय किया जा सकता है। जयपुर की बात करें तो RUHS में 800 से अधिक बेड फुल हो चुके हैं। अस्पतालों में बेड फुल होते देख कोटा के कलेक्टर ने हॉस्टल, धर्मशालाओं में इंतजाम के निर्देश दिए हैं।रिकवरी रेट में 12% से ज्यादा गिरावट
अभी राजस्थान में 59 हजार 999 एक्टिव केस हैं। कोरोना की संक्रमण दर राज्य में 12 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। रिकवरी रेट भी पिछले 17 दिन में 96.55% से गिरकर 84.39% हो गया है यानी इसमें 12% से ज्यादा गिरावट आई है।
सीएम के गृह जिले में सबसे ज्यादा मौत
मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में हालात बहुत तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। जयपुर के बाद सबसे ज्यादा केस यहीं मिल रहे हैं। अप्रैल में अब तक जोधपुर में कुल 9 हजार 134 केस मिले हैं, जबकि ऑन रिकॉर्ड 50 लोगों की जान चली गई। पूरे राज्य में जोधपुर जिला ऐसा है, जहां अप्रैल में अब तक सबसे ज्यादा मौत हुई है।
शिक्षा नगरी कोटा बनी नया हॉटस्पॉट
राज्य की शिक्षा नगरी कोटा भी जयपुर, जोधपुर के बाद तीसरा सबसे बड़ा ‘हॉटस्पॉट’ बन गई है। यहां शनिवार को रिकॉर्ड 1 हजार 49 केस मिले थे। कोटा कलेक्टर ने मुख्यमंत्री से लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की है। यहां निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई घटने से भी मुश्किलें बढ़ रही हैं।
उदयपुर के सभी बड़े अस्पतालों के ICU फुल
झीलों की नगरी उदयपुर में भी कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यहां आस-पास के छोटे जिलों से भी बड़ी संख्या में कोरोना मरीज रेफर होकर आ रहे हैं। यहां के 4 बड़े अस्पतालों में ICU बेड लगभग फुल हो चुके हैं। यहां 197 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अब बहुत कम ही वेंटिलेटर वाले बेड खाली बचे हैं। उदयपुर में बीते 17 दिनों के अंदर 41 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं।