राजस्थान में झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई जिलों में जलभराव…मप्र में जमकर बरस रहा मानूसन
Dainik Bhaskar
आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत
जयपुर । राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। पाली में रविवार देर रात करीब 2 बजे से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है। स्थिति को देखते हुए जिले के कई निजी स्कूलों ने सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया।
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर ने सोमवार को राज्य के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। धौलपुर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, जयपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, बारां, झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और जालौर सहित आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कोटा, उदयपुर और अजमेर संभागों में भी 14–15 जुलाई को भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
पाली में लगातार बारिश के चलते रामदेव रोड और मोची कॉलोनी समेत कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। नहरें और नाले उफान पर हैं। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि बारिश के कारण जिन क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल पहुंचने में कठिनाई हो रही है, वहां के सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित किया जा सकता है। जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ सहित अनेक शहरों में लगातार बारिश से निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में 92 मिलीमीटर और बड़ी सादड़ी में 80 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
भरतपुर जिले के रुदावल थाना क्षेत्र में देर रात करीब 2:45 बजे आकाशीय बिजली गिरने से एक दो मंजिला मकान की छत ढह गई। हादसे में मकान मालिक महेश गोयल (50) की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि पत्नी और बच्चे बाल-बाल बच गए। महेश मूंगफली की रेहड़ी लगाकर परिवार चलाते थे। उनकी पत्नी मंजू के अनुसार, बिजली मकान की दूसरी मंजिल पर गिरी, जिससे पूरी इमारत धराशायी हो गई।
राजसमंद के कुंभलगढ़ क्षेत्र में लगातार छह घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश के कारण बनोकड़ा गांव के तालाब में पानी का स्तर बढ़ गया है। पुलिया के ऊपर पानी बह रहा है, जिससे संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। चित्तौड़गढ़ जिले में भी रावतभाटा सहित कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। रावतभाटा में कई घरों में पानी घुस गया है। एनटीसी चौराहा से फेज-2 तक की सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं, जिससे परमाणु बिजलीघर की ओर जाने वाले मार्ग पर आवागमन अवरुद्ध हो गया है। उदयपुर के वल्लभनगर क्षेत्र स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खेताखेड़ा में तेज बारिश के चलते स्कूल परिसर में पानी भर गया। कक्षा 6वीं और 7वीं के कमरों में पानी घुसने से पढ़ाई बाधित हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर एक लो-प्रेशर सिस्टम और राजस्थान के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। मानसून की ट्रफ लाइन भी सामान्य स्थिति में राजस्थान से होकर गुजर रही है। इन परिस्थितियों के कारण राज्य में अगले दो दिनों तक मूसलाधार बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई। सबसे कम तापमान सिरोही में 18.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे अधिक 29.0 डिग्री सेल्सियस श्रीगंगानगर में दर्ज किया गया। अन्य प्रमुख शहरों में अजमेर में 24.3 डिग्री, भीलवाड़ा में 25.1 डिग्री, अलवर में 25.0 डिग्री, जयपुर में 26.0 डिग्री, पिलानी में 25.2 डिग्री, सीकर में 26.0 डिग्री, कोटा में 27.2 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 25.2 डिग्री, बाड़मेर में 28.0 डिग्री, जैसलमेर में 28.2 डिग्री, जोधपुर में 26.0 डिग्री, बीकानेर में 27.6 डिग्री, चूरू में 27.2 डिग्री, नागौर में 26.4 डिग्री, डूंगरपुर में 23.0 डिग्री, जालौर में 26.9 डिग्री और दौसा में 27.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
मप्र में जमकर बरस रहा मानूसन, 4 जिलों में बाढ़ जैसे हालात, आज 35 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। कई जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त है। लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियों और तालाबों का जलस्तर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आज सोमवार को भी प्रदेश के 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटों में 36 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जिससे शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने सोमवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल में मानसून टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) का असर देखने को मिलेगा। कुल 35 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। इनमें से 9 जिलों में अति भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सागर, रायसेन, सीहोर, शाजापुर, देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार और अलीराजपुर में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा।
प्रदेश के 4 जिले छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर और गुना में बाढ़ के हालात हैं। रविवार को इन जिलों के कई गांव बाढ़ में घिरे रहे। रविवार को गुना में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। श्योपुर में सवा इंच, खरगोन-टीकमगढ़ में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा जबकि पचमढ़ी में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, बैतूल, दतिया, ग्वालियर, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, बालाघाट, शाजापुर, देवास, सीहोर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में भी कभी तेज तो कभी हल्की बारिश का दौर बना रहा। रात में भी पानी गिरा। वहीं, छतरपुर के खजुराहो में रनगुवां बांध के 15 गेट खोल दिए गए हैं। जबकि खजुराहो में पुल टूटने से देवगांव-देवरा मार्ग बंद हो गया। छतरपुर-पन्ना जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई। बिजली के 6 खंभे बह जाने से कई गांवों की बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।
शिवपुरी जिले में भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर ,रेलवे ट्रेक की गिट्टी बही, अटल सागर डेम के चार गेट खोले गए
शिवपुरी जिले की सभी तहसीलों करैरा, नरवर, पिछोर, बदरवास व कोलारस में हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है । ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। विगत दो दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने मौसम को तो सुहावना कर ही दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन भी अस्त-व्यस्त करके रख दिया है।
इसी क्रम में करैरा, नरवर,पिछोर, कोलारस व बदरवास में हुई भारी बारिश ने लोगों को परेशानी में डाल दिया। एक ओर जहां पिछोर के मनका गांव में दो युवक मस्ती करते हुए नाले में बह गए तो वहीं करैरा की महुअर नदी में महेश गांधी नाम का वृद्ध बह गया, जिसे स्थानीय लोगों ने नदी की बीच धार से अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया। रविवार को देर रात बदरवास कस्बे में स्कूटी से नाला पार करते समय दो प्रायवेट शिक्षक व एक डाक्टर स्कूटी सहित नाले में बह गए। इसके अलावा बदरवास के ही ग्राम सांडर में भी एक ग्रामीण रपटा पार करते समय बह गया। हालांकि इन सभी घटनाओं में पानी में बहे सभी सात लोगों को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इसी तरह से बदरवास पर रेलवे ट्रेक के नीचे पानी के बहाव के साथ गिट्टी बह गई। रेलवे ट्रेक को दुरूस्त करने के लिए रेलवे का स्टाफ काम में जुट गया है। वहीं, कोलारस में रास्ते जलमग्न हो गए हैं। बदरवास में खेतों में पानी भरा हुआ है। शिवपुरी, नरवर एवं करैरा के मध्य स्थित अटल सागर (मणिखेेड़ा ) डेम के केचमेंट एरिया में लगातार बारिश होने के कारण डेम का जल स्तर लगातार बढ़ता चला गया, जिसके चलते डेम में पानी के लेवल को सही बनाए रखने के लिए देर रात डेम के चार गेट खोल दिए गए हैं। गेट नंबर 5 व 6 को दो मीटर तक जबकि गेट नंबर 4 व 7 को 1-1 मीटर तक खोला गया। डेम से कुल 663.556 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने की बात कही जा रही है।