नई दिल्ली/मुंबई, (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार पांचवीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.35 फीसदी का इजाफा किया है। इसी के साथ रेपो रेट 5.90 से बढ़कर 6.25 फीसद पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद इसका ऐलान किया। रेपो रेट में इजाफे से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महंगाई के दबाव को देखते हुए एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की वृद्धि की जा रही है। इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी रहने का भरोसा जताया। हालांकि, दास ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि देश निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच महंगाई को काबू में लाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। दास ने कहा कि मुख्य महंगाई दर अभी भी ऊंची बनी हुई है, ऐसे में मौद्रिक नीति के स्तर पर सूझबूझ की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, खाद्य सामग्री की कमी और ईंधन की ऊंची कीमतों से गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में मई से लेकर अबतक नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में पांचवीं बार इजाफा किया है। इससे पहले आरबीआई मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस्त में 0.50 फीसदी, सितंबर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। वहीं, कई रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है।