नए साल की बारिश झील के लिए वरदान साबित हो रही है। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश, हिमकणों व ओलावृष्टि की वजह से झील का जलस्तर 23 वर्ष बाद अपने उच्च स्तर पर है। सोमवार को इसमें ढाई इंच की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बरसात खत्म होने के बाद झील के जलस्तर में लगातार गिरावट शुरू हो जाती है। शीतकाल खत्म होने और गर्मी शुरू होते ही झील सूखे की चपेट में आती है। मई-जून में अमूमन झील का जलस्तर सामान्य से भी नीचे चला जाता है। पिछले साल 18-19 अक्टूबर को हुई अतिवृष्टिï में झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों तक बहने लगा था, जो नवंबर में जाकर सामान्य हुआ था।
अब जनवरी में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। हिमपात भी हो रहा है। इसी कारण 23 वर्ष बाद जनवरी में झील का जलस्तर अपने उच्च स्तर पर है। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि झील का जलस्तर 9.6 फीट दर्ज किया गया है। इससे पहले 1999 में झील का जलस्तर 10.5 फीट रहा था। 24 घंटे में शहर में 41 मिमी बारिश रिकार्ड हुई है।
पांच वर्षों में जनवरी माह में झील का जलस्तर फीट में
वर्ष- जलस्तर
2022- 9.6
2021- 5.6
2020- 6.10
2019- 5.7
2018- 3.4
2017- 0.7
बीते साल अक्टूबर में टूटे थे रिकार्ड
बीते साल अक्टूबर में नैनीताल में लगातार हुई बारिश के कारण नैनी झील के जलस्तर ने इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे। नैनीताल में अक्टूबर महीने में हुई बारिश से नैनीझील इतनी उफना गई कि झील के सभी निकासी गेट खोलने पड़े थ। वह भी डेढ़ फीट की अपनी पूरी क्षमता के अनुसार खोलने पड़े। इसके बावजूद रात तक माल रोड और नैना देवी मंदिर परिसर में झील का पानी हिलोरे मारता रहा। दो दिनों से झील अपने उच्चतम जलस्तर 12.2 फीट पर बनी हुई है।