नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह से बूंदाबांदी हो रही है। लुटियंस दिल्ली के मोतीलाल नेहरू रोड स्थित बंगला नंबर 3 में माहौल गमजदा है। हर आंख नम…और हर आने वाले के चेहरे पर गम की परछाइयां नजर आ रही हैं। तीन एकड़ के भूखंड वाले इस विशाल टाइप-आठ बंगले में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रात करीब एक बजे पहुंचा है।
तीन, मोतीलाल नेहरू रोड करीब 10 वर्ष तक प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का आवास रहा। 92 वर्ष की आयु में उन्होंने रात को एम्स में आखिरी सांस ली। वो इस बंगले में तब आए थे जब मई, 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। मोदी 7 रेसकोर्स रोड (अब 7 लोक कल्याण मार्ग) रहने पहुंचे और सिंह 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग । डॉ. सिंह से पहले यह बंगला दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आधिकारिक आवास हुआ करता था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते सिंह को उनके परिवार के साथ एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था।
इस समय तीन मोतीलाल नेहरू मार्ग के बाहर पुलिस के बैरिकेड्स लगे हुए हैं। केंद्र सरकार ने 26 दिसंबर से पहली जनवरी तक पूरे देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इसके बाद केरल सरकार ने जिला कलेक्टरों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाने का निर्देश दिया। दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा आज होने की उम्मीद है। डॉ. सिंह के सम्मान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह सहित सभी आधिकारिक कार्यक्रम आगामी सात दिन के लिए रद्द कर दिए गए हैं। इस अवधि के दौरान पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा।
सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बीते राजनीतिक पलों को याद किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया।साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वो एक सम्मानित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्तमंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं दीं और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीतियों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। संसद में उनके विचारपूर्ण हस्तक्षेप भी हमेशा उल्लेखनीय रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, शब्दों के बजाय काम करने वाले व्यक्ति, राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा भारतीय इतिहास में अंकित रहेगा। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सिंह ने बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। उन्होंने अपना मार्गदर्शक खो दिया।
खरगे, राहुल और वेणुगोपाल कर्नाटक से दिल्ली लौटे, डा. मनमोहन के परिजनों से मिले
नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल आज तड़के बेलगाम (कर्नाटक) से दिल्ली पहुंचे और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के आवास पर गए। जहां उन्होंने डा. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार के लोगों को दुख की इस घड़ी में ढांढस बंधाया।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से डा. सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनकी उपलब्धियों को याद किया गया। पार्टी ने यहां जारी अपने शोक संदेश में कहा कि इतिहास डॉ. मनमोहन सिंह को उनके गरिमामय आचरण, जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता, गहन ज्ञान और विनम्रता के लिए हमेशा याद रखेगा। वे अपने पीछे आर्थिक सुधारों, राजनीतिक स्थिरता और हर भारतीय के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति समर्पण की विरासत छोड़ गए हैं।
पहले एक टेक्नोक्रेट के रूप में और फिर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सामाजिक कल्याण पर ध्यान देने के साथ आर्थिक समृद्धि और विश्व मानचित्र पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए याद किया जाएगा। अपने शांत लेकिन लचीले नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले, वे एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे, जिन्होंने देश के कल्याण के अलावा किसी और चीज के प्रति सावधानी, चिंता और दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ कठिन निर्णय लिये।
कांग्रेस ने कहा, “एक नेता के रूप में, डॉ. सिंह ने शायद ही कभी सुर्खियों में आने की कोशिश की, फिर भी उनके फैसले भारतीय समाज के हर पहलू और उससे परे गहराई से गूंजते थे। राजनीतिक सहयोगियों, विरोधियों और विश्व नेताओं से उन्हें जो भरोसा और सम्मान मिला, वह उनके गहरे प्रभाव का प्रमाण है।एक राजनेता, एक विद्वान, एक नेता, एक दूरदर्शी – भारत के सबसे गौरवशाली पुत्रों में से एक – अलविदा सर, आपकी बहुत याद आएगी।”
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर बीती रात करीब एक बजे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया। डा. सिंह का 92 वर्ष की आयु में बीती देर शाम एम्स (दिल्ली) में निधन हो गया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के सम्मान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह सहित सभी आधिकारिक कार्यक्रम अगले सात दिनों के लिए रद्द कर दिए गए हैं। इन कार्यक्रमों में सभी आंदोलनात्मक और आउटरीच कार्यक्रम शामिल हैं। पार्टी के कार्यक्रम 83 जनवरी, 2025 को फिर से शुरू होंगे। शोक की इस अवधि के दौरान पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा।
उधर, भारत सरकार ने शुक्रवार के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
डॉ. मनमोहन सिंह को याद कर भावुक हुए जयराम रमेश
नई दिल्ली ।पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उनके सहयोगी रहे जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक अत्यंत भावुक पोस्ट लिखकर उन्हें याद किया।
जयराम रमेश ने लिखा, “एक अत्यंत पूर्ण और असाधारण रूप से प्रतिष्ठित जीवन समाप्त हो गया। मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त सचिव, आरबीआई गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्री और भारत के प्रधानमंत्री। ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज दोनों के पूर्व छात्र। 1956 में कैम्ब्रिज में प्रतिष्ठित एडम स्मिथ पुरस्कार के विजेता। मृदुभाषी, शांत और हमेशा गरिमामय, उनका दृढ़ संकल्प था। वे अपने 1991, 1992 और अन्य बजटों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था के तकनीकी परिवर्तनकर्ता थे। उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में ग्रामीण रोजगार, आदिवासी अधिकार, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण, प्राथमिक शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण से संबंधित क्रांतिकारी कानून बने। भारत-अमेरिका परमाणु समझौता एक मील का पत्थर था, जिसने भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ाया। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में देश के इतिहास में सबसे अधिक जीडीपी विकास दर देखी गई।”
जयराम रमेश ने आगे लिखा, “वे दिल से एक सज्जन व्यक्ति थे, और उनमें किसी के प्रति कोई दुर्भावना या द्वेष नहीं था। वे संवाद, आम सहमति और कठिन परिस्थितियों में भी सामंजस्य की राजनीति में विश्वास करते थे और उसका पालन करते थे। विनम्रता और ईमानदारी उनकी पहचान थी। जो लोग उन्हें बदनाम करना चाहते थे, उन्होंने अपना असली चेहरा दिखाया। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने जो पहल की, उनमें से कई को उनके उत्तराधिकारी के योगदान के रूप में प्रचारित, प्रसारित और पेश किया गया। लेकिन डॉ. सिंह ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया और हमेशा अपनी खास मुस्कान के साथ पेश आते रहे। उन्होंने मुझे सितंबर 1986 में योजना आयोग में भर्ती किया और तब से यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैं अगले 38 वर्षों तक उनके साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा रहा। अपने अनोखे और विशिष्ट तरीके से, डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारे इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।”
मनमोहन सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने जताया दुख
कोलकाता। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के अचानक निधन से मैं गहरे सदमे और दुख में हूं। मैंने उनके साथ काम किया है और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा है। उनकी विद्वत्ता और ज्ञान बेजोड़ थे, और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है। देश उनके नेतृत्व को याद करेगा और मैं उनके स्नेह को याद करूंगी। उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने अपने संदेश में कहा, “माननीय डॉ. मनमोहन सिंह के दुखद निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। वे एक प्रिय, विनम्र, विद्वान और समर्पित लोक सेवक थे, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित किया। राष्ट्र उन्हें प्यार करता है, राष्ट्र उनका सम्मान करता है। वे अपनी विनम्रता, क्षमता और भारत के लोगों के प्रति समर्पण में अद्वितीय थे। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी यादें हमें सदा प्रेरित करें। राज्यपाल ने उन दिनों को याद किया हैं जब उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के अधीन कार्य किया था और उन्हें जो प्रोत्साहन मिला।
डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरूवार रात को निधन हो गया। वे उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका इलाज चल रहा था।
अपने आर्थिक सुधारों के माध्यम से उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन पर विभिन्न दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। भारत सरकार ने उनके निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़ में सात दिन का राजकीय शोक
रायपुर । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़ में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान 1 जनवरी तक सरकारी तौर पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
इस संबंध राज्य सरकार की ओर से सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किया गया है। इसमें समस्त शासकीय भवनों और जहां पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहां पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। इसके अलावा सरकारी स्तर पर किसी तरह का मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव और मंत्री ओपी चौधरी के सभी दौरा कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।