विश्व का सबसे बड़ा जन समागम : दो दिनों में ​बनेंगे तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड, अभी-अभी आई ये रिपोर्ट

महाकुम्भ नगर । प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर महाकुम्भ में पावन डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का आना जारी है। महाकुम्भ में 24 और 25 फरवरी को तीन विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं। ये सभी रिकॉर्ड बनने के ल‍िए 14 से 17 फरवरी तक की तिथियां निर्धारित की गईं थीं मगर उस दौरान भीड़ के चलते तारीख बढ़ा दी गई थी। नदी स्वच्छता का विश्व रिकॉर्ड 14 फरवरी को बन चुका है। बता दें, 2019 के प्रयागराज अर्ध कुम्भ में भी तीन विश्व रिकार्ड बने थे। अब मेला प्रशसन 2019 में बने अपने तीनों रिकॉर्ड को ही मेला प्रशासन तोड़ेगा।

दो दिन में बनेंगे तीन ​वर्ल्ड रिकार्ड : महाकुम्भ में 24 फरवरी को दो विश्व रिकार्ड बनेंगे। 15 हजार सफाई कर्मचारी गंगा घाट पर 10 किलोमीटर तक सफाई अभियान चलाएंगे। महाकुम्भ मेला के परेड मैदान स्थित त्रिवेणी मार्ग पर 1000 ई-रिक्शा संचालन के स्थान पर 550 शटल बसों का संचालन कर रिकॉर्ड बनाया जाएगा। दरअसल, भीड़ के चलते ई-रिक्शा का संचालन नहीं हो सकेगा। शटल बसों का संचालन हाईवे पर किया जाएगा। 25 फरवरी को 10 हजार लोगों के हाथ के छाप (हैंड प्रिंट) लेने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। केवल एक रिकॉर्ड 300 सफाई कर्मियों द्वारा नदी सफाई का अभियान 14 फरवरी को बना था। रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम 22 फरवरी को आएगी।

ई-रिक्शा संचालन का रिकॉर्ड बनाने की थी योजना : मेला प्रशासन की ओर से पूर्व में एक साथ एक हजार ई-रिक्शा संचालन का विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए त्रिवेणी मार्ग चिह्नित किया गया था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। अब 550 शटल बसों के संचालन का विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई है।

2019 अर्ध कुम्भ में बने थे तीन विश्व रिकार्ड : साल 2019 में लगे अर्ध कुम्भ में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बने थे। 28 फरवरी को उत्तर प्रदेश राज्य ने लगभग दो मील तक पंक्तिबद्ध 503 बसों का बेड़ा उतारकर “बसों की सबसे लंबी परेड” का नया रिकॉर्ड बनाया था। बसों ने जिले में 3.2 किलोमीटर की दूरी तय की थी। 1 मार्च 2019 को 10,000 से अधिक लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर एक ही समय पर सफाई और स्वच्छता गतिविधियों में भाग लिया, जिसने “सबसे अधिक लोगों द्वारा फर्श की सफाई” का रिकॉर्ड बनाया था। 4 मार्च 2019 को “घंटों में सबसे ज़्यादा हैंडप्रिंट पेंटिंग में योगदान” का एक और रिकॉर्ड बना। जिसमें 7,664 लोगों ने भाग लिया। हैंडप्रिंट पेंटिंग का पिछला रिकॉर्ड सियोल के नाम था, जिसमें 4,675 लोग शामिल हुए थे।

विश्व का सबसे बड़ा जन समागम : महाकुम्भ 2025 में जुटी करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की वजह से अपने आप में एक महारिकॉर्ड है। महाकुम्भ को विश्व की अमूर्त धरोहर घोषित कर द‍िया गया है। अब यह​ विश्व का सबसे बड़ा जन समागम बन चुका है। अब तक किसी भी आयोजन में 59 करोड़ श्रद्धालु कहीं नहीं जुटे हैं। इसी के साथ चार और भी विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं।

महाश‍िवरात्र‍ि पर है अंत‍िम स्‍नान पर्व : छह प्रमुख स्नान पर्वों में से अब केवल एक महाशिवरात्रि का स्नान पर्व ही बचा है। 26 फरवरी के अंतिम स्नान में अभी चार दिन शेष हैं। अब तक 59 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ पार कर जाएगी। याेगी सरकार ने 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था।

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