सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की अपील पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का समय

-सात साल की कैद की सजा के खिलाफ दायर की है अपील

प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने महिला का घर जलाने के केस में मिली सात साल की सजा के खिलाफ अपील पर राज्य सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने दिया है। सरकारी वकील ने कहा था कि सोलंकी बंधुओं को सात साल की सजा मिली है और इनके खिलाफ अन्य आपराधिक केस है। इसलिए इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी की सुनवाई टाली जाय और सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया जाय।

अपील में विशेष अदालत कानपुर नगर द्वारा दी गई सजा को रद्द किए जाने की मांग की गई है। इसके अलावा अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत पर रिहा किए जाने की भी मांग की गई है। अपील पर सोलंकी के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने पक्ष रखा। कानपुर की अदालत से मिली सजा के कारण सोलंकी की विधानसभा सदस्यता चली गई है। यदि सजा पर रोक की राहत मिलती है तो विधायकी वापस हो सकती है।

कानपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इसी साल सात जून को इरफान सोलंकी समेत पांच लोगों को सात साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में फातिमा नाम की एक महिला का घर जलाए जाने के मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई है। सोलंकी सीसामऊ सीट से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। सजा के बाद विधायकी छिन गई है। इरफान सोलंकी अभी महाराजगंज जेल में बंद हैं। अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

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