साइबर सेल की बड़ी सफलता : आईडी हैक कर पैसा मांगने वाले 6 युवक गिरफ्तार

गोरखपुर ।पुलिस के साइबर सेल को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एसएसपी, बीजेपी विधायक और एडवोकेट का फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर उनके मित्रों से पैसे मांगने वाले 6 साइबर अपराधियों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से दर्जनों मोबाइल फोन, सिमकार्ड बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने सिर्फ गोरखपुर जिले से 80 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी की है। हैरानी वाली बात यह है कि पकड़े गए जालसाजों में दो बाल अपचारी भी हैं। लेकिन इन सभी को साइबर फ्रॉड की महारथ हासिल है। पु​लिस अब इनके सभी बैंक खातों के ट्रांजेक्शन खंगाल रही है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। 

साइबर क्राइम सेल और पुलिस ने पकड़ा है गैंग।मंगलवार को इस गैंग का खुलासा करते हुए एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि यह लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक आदि से लोगों की फोटो, नाम और फेसबुक फ्रैण्ड लिस्ट को चुराकर फर्जी फेसबुक आईडी, व्हाट्सअप एकाउन्ट बनाते थे। इसके बाद फेसबुक फ्रेन्ड से मदद के नाम पर पैसे की मांग कर कई वॉलेट/बैंक खातों में पैसे जमा करा लेते थे। बीते दिनों एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु, बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह और एडवोकेट नीरज शाही जैसे दर्जनों बड़े लोगों के फर्जी अकाउंट बनाकर यह गैंग उनके शुभचिंतकों से पैसों की डिमांड कर रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद इनकी धरपकड़ के लिए साइबर क्राइम सेल टीम को लगाया गया था। इसके बाद मंगलवार को इस गैंग के 6 सदस्यों को साइबर क्राइम सेल व कैंट पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए जालसाजों की पहचान अन्सार खान पुत्र वहीद खान, साकिर खान पुत्र सहजू, वहीद खान पुत्र जुमरत, कासिम खान पुत्र चावसिन के रुप में हुई। इसके अलावा इस गैंग में दो अन्य बाल अपचारी भी पकड़े गए हैं। यह सभी ग्राम मडौरा थाना गोवर्धन जपनद मथुरा के रहने वाले हैं। 

जालसाजों के पास से पुलिस ने 5 मोबाईल फोन और 8 सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। एसएसपी ने बताया कि अन्सार खान के साथ ही पकड़े गए दो अन्य बाल अपचारियों ने पूछतांछ में बताया कि वे मोबाइल नम्बर की सीरीज पकड़कर फेसबुक के लॉगिन पेज पर जाकर यूजर आईडी व पासवर्ड में इन्टर करते हैं। जिस आईडी का यूजर आईडी और पासवर्ड मोबाइल नम्बर, नाम या मोबाइल नम्बर के 6 अंक होते हैं, यह लोग उसका फेसबुक लॉगिन करके हैक कर लेते हैं। इसके बाद उसी आईडी से उनके फेसबुक फैंड्स से मदद के नाम पर Google pay, Phonepe, Paytm आदि के माध्यम से फर्जी वालेट/ बैंक खातों में पैसे की मांग करते हैं। इतना ही नहीं, यह लोग नेता, पुलिस, व्यवसायी, प्रतिष्ठित व्यक्तियों की फेसबुक प्रोफाइल पर सर्च करके उनके फोटो व नाम एवं फ्रेन्ड लिस्ट को चुराकर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके जानने वालों को पहले फ्रेन्ड रिक्वस्ट भेजते हैं।

 इसके बाद मदद के नाम पर फर्जी वालेट/ बैंक खातों में पैसे की मांग करते हैं। नेता, पुलिस, व्यवसायी, प्रतिष्ठित व्यक्तियों की फेसबुक प्रोफाइल पर सर्च करके उनके फोटो व नाम एवं कमेन्ट बाक्स, फ्रेन्ड लिस्ट आदि में से उनके दोस्तों के मोबाइल नम्बर जान जाते हैं। इसके बाद प्रोफाइल में फोटो व नाम को चुराकर व्हाट्सअप के डीपी पर उनकी लगाकर उनके दोस्तों से व्हाट्सअप चेटिंग कर मदद के नाम पर पैसे की मांग करते है। इतना ही नहीं, यह लोग विभिन्न कम्पनियों में जॉब दिलाने, लाटरी आदि के नाम पर भी लोगों से उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड, ओटीपी प्राप्त कर फर्जी डिजीटल एकाउन्ट खोलकर उसमें पैसे जमा कराते हैं।जबकि पकड़े गए आरोपी साकिर खान ने पूछताछ में बताया कि वह संजय की मदद से फेसबुक आईडी हैक कर पैसे मांगने वालो को फर्जी खाता उपलब्ध कराता था। इसके बाद फर्जी खातों में आए पैसे को निकालकर 80% फेसबुक आईडी हैक करने वाले (अन्सार आदि) को और 15% संजय को और 5% कमीशन खुद रख लेता था। जबकि वहीद खान और कासिम खान, मुजफ्फर जो कि वहीद का भांजा है, ट्रक लेकर कई प्रदेशों यूपी, एमपी, बिहार, झारखण्ड, पं. बंगाल, असम, दिल्ली आदि में आता जाता रहता है और वहीं से फर्जी सिम लाकर देता था।

 इसके एवज में वह प्रति सिम का 500 रुपए लेता था। जिसे यह लोग फेरी के बहाने आस पास के गांव में फेसबुक आईडी/ व्हाट्सअप आदि के माध्यम से फर्जी तरीके से पैसे जमा कराने वाले गिरोह व संजय को एक हजार रुपए प्रति सिम के हिसाब से बेच देता था।एसएसपी दिनेश कुमार पी नेे जनता से अपील की है कि लोग सोशल मीडिया पर सतर्क रहें।