सुरक्षा पर सवाल: उद्योगपति की हत्या के बाद आरोपी का बेखौफ खेल, उद्योगजगत में दहशत

बिहार की राजधानी पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के बाद एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. हत्या का एक आरोपी खेमका के अंतिम संस्कार में फूलों की माला लेकर शामिल होने पहुंच गया. शक होने पर जब जांच हुई, तो सामने आया कि वह हत्या की साजिश में शामिल था. यह घटना न सिर्फ अपराधियों की बेशर्मी को दर्शाती है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था पर भी गहरा सवाल खड़ा करती है.

जांच में पता चला है कि हत्या की रात तीन अपराधी पटना के दलदली रोड पर एक चाय की दुकान के पास मिले थे. वहीं पर उन्होंने चाय पी और हत्या की योजना को अंतिम रूप दिया. इसके बाद उनमें से एक गोपाल खेमका के घर की ओर निकल गया. जिस तरह इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया, वह बताता है कि यह कोई भावनात्मक वारदात नहीं, बल्कि सुनियोजित क्राइम था. 

पुराने मामलों से जुड़ा है मुख्य आरोपी

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपी वह व्यक्ति है जो पहले भी पटना में एक ऑटो चालक की हत्या के मामले में फरार चल रहा था. यानी उसके खिलाफ पहले से ही गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड मौजूद है, लेकिन पुलिस की पकड़ से वह अब तक बाहर रहा. इससे पुलिस की खुफिया विफलता और आपराधिक तत्वों की बेखौफ गतिविधियों का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सीसीटीवी फुटेज में दिखी बर्बरता

घटना की पुष्टि एक सीसीटीवी वीडियो से हुई, जिसमें देखा गया कि रात 11:40 बजे जब खेमका अपनी कार से उतर रहे थे, उसी समय हमलावर ने उन पर गोलियां चला दीं. खेमका की हत्या से पटना के कारोबारी वर्ग में जबरदस्त डर फैल गया है. गुलाबी घाट पर अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़, और हर चेहरे पर असुरक्षा की चिंता साफ नजर आई.

सरकार ने व्यापारियों की सुरक्षा का दिलाया भरोसा

घटना के बाद बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना और डीजीपी से बिहार उद्योग संघ (BIA) का प्रतिनिधिमंडल मिला. मीना ने भरोसा दिलाया कि व्यापारियों को नियमों के अनुसार सुरक्षा दी जाएगी. कुछ व्यापारियों ने हथियार लाइसेंस की मांग भी रखी है। मीना ने यह भी कहा कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा. 

चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पुलिस को घेरा

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (BCCI) के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने दावा किया कि खेमका की हत्या गांधी मैदान थाने के पास हुई, फिर भी पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में घंटों लग गए. उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं जंगल राज की याद दिलाती हैं. हम सरकार के साथ मिलकर व्यापारियों की सुरक्षा के लिए एक रणनीति तैयार करेंगे.”

धमकियों के बावजूद चुप है प्रशासन

उद्योगपति अजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें भी अपराधियों से धमकियां मिली हैं और इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री और गृह विभाग को सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा, “अगर शिकायतों के समाधान का कोई सिस्टम नहीं है, तो अपराधियों का मनोबल और बढ़ेगा.”

खेमका के बाद अगला कौन?

खेमका की हत्या ने न केवल व्यापारियों की नींद उड़ा दी है, बल्कि यह साफ कर दिया है कि अब अपराधी सिर्फ पैसे के पीछे नहीं हैं, बल्कि सत्ता और समाज में दहशत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार के लिए यह चेतावनी है कि अगर अभी नहीं जागे, तो ‘जंगल राज’ की परिभाषा फिर से लिखी जाएगी.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट