लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई मौतों के बारे में गलत खबर को फैलाया गया है. उन्होंने कहा कि मौतों के पीछे का कारण ऑक्सीजन की कमी को बताया गया था, जो कि गलत है,
क्योंकि अगर ऐसा होता तो सबसे पहले वो बच्चे मरते जो वेंटीलेटर पर थे. जबकि उन बच्चों की हालत में उसके बाद सुधार हुआ था और आज भी वो बच्चे स्वस्थ हैं.
#WATCH: UP CM Yogi Adityanath speaks on 2017 Gorakhpur infants death case, says, 'had there been a shortage of oxygen, then the children on ventilator would have died first.' (25.08.18) pic.twitter.com/lPjoVUmi5P
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 26, 2018
एक रात में ही हुई थी कई मौतें
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त महीने में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एनएनयू वार्ड में भर्ती 13 बच्चों और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती 17 बच्चों की मौत हो गई थी. उस समय मौत के कारण के रूप में बताया गया था कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी थी. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया था. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने घटना के पीछे गंदगी को जिम्मेदार ठहराया था.
#UPCM श्री #YogiAdityanath लखनऊ में आयोजित पोषण अभियान और सुपोषण स्वास्थ्य मेला के शुभारंभ कार्यक्रम में। https://t.co/4amyjkc53R
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 25, 2018
योगी शनिवार को पोषण अभियान और सुपोषण स्वास्थ्य मेला के शुभारम्भ के अवसर पर साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि, ‘जब मैं पहली बार सांसद बना था तो गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज’ की हालत बहुत ख़राब थी. मैंने लगातार संसद में इस बारे में आवाज उठाई और इसके अच्छे परिणाम मिले. पिछले साल बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 200 से ज्यादा मौते हुईं थीं, इस साल 10 से भी कम हुई हैं.’
चिकित्सकों को देनी पड़ी थी थेरेपी: योगी
पिछले साल हुए हादसे के लिए उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज की आतंरिक राजनीति को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि, ‘मेडिकल कॉलेज की आतंरिक राजनीति के कारण नकारात्मक समाचार मीडिया में आए. उसके बाद हमें चिकित्सकों को थेरेपी देनी पड़ी, जिससे वो काम पर लौट सकें.’