नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को करारा झटका लगा है। पार्टी के ही एक और सहयोगी दल ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पहले शिवसेना, फिर तेलुगुदेशम पार्टी के बाद अब त्रिपुरा की आईपीएफटी ने 2019 लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने का फैसला किया है। यही वो पार्टी जिसने हाल में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा और 25 साल के लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाई।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को तगड़ा झटका
त्रिपुरा में अहम राजनीतिक पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आईपीएफटी ने बताया कि बीजेपी ने त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों के लिए नेताओं का नाम बिना उनकी चर्चा के कर लिया। पार्टी के इस फैसले के बाद उन्हें ‘मजबूरन’ बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेना पड़ा।
2019 में अकेले चुनाव लड़ेगी IPFT
दूसरी ओर बीजेपी ने दावा किया कि उनका आईपीएफटी के साथ गठबंधन इस साल हुए विधानसभा चुनाव के लिए ही बस एक बार के लिए था। आईपीएफटी और बीजेपी ने त्रिपुरा में इस साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन किया था। जनवरी में हुए चुनाव पूर्व गठबंधन के साथ दोनों दल मैदान में उतरे और इस गठबंधन में राज्य में 25 साल से जारी लेफ्ट शासन को उखाड़ फेंका।
इसी साल त्रिपुरा चुनाव में आए थे साथ
हालांकि चुनाव नतीजों के बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। इस दौरान कई ऐसे मामले आए जिसमें दोनों दल एक-दूसरे के विरोध खड़े नजर आए। पिछले साल एक पत्रकार की मौत के मामले में सीबीआई ने तीन आईपीएफटी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया। इसमें एक विधायक भी शामिल हैं। इसके अलावा बीजेपी ने 2019 में त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों के लिए नेताओं का नाम बिना उनकी चर्चा के कर लिया। इससे भी नाराज थी। इसी के खिलाफ पार्टी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया।