शहीद जवान के पिता ने सरकार को 72 घंटे का वक्त दिया है. उन्होंने कहा कि 72 घंटे का मौका देता हूं वर्ना मैं बदला लूंगा.
पुलवामा: गुरुवार को ईद की छुट्टी पर घर जा रहे सेना के जवान औरंगजेब का आतंकवादियों ने पहले पुलवामा के कालम्पोरा से अपहरण किया और उसके बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. ईद के इस मौके पर पुंछ के रहने वाले औरंगजेब के पैतृक गांव सलानी में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है. औरंगजेब के घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है. उनकी मां ने आतंकियों से कहा था कि वे अपने बेटे के साथ ईद मनाना चाहती हैं लेकिन आतंकियों ने गोलियों से छलनी औरंगजेब के शरीर को ही छोड़ा. शहीद जवान के पिता ने सरकार को 72 घंटे का वक्त दिया है. उन्होंने कहा कि 72 घंटे का मौका देता हूं वर्ना मैं बदला लूंगा.
सेना से रिटायर पिता का छलका दर्द
औरंगजेब के पिता ने मीडिया से बात करते समय कहा, “आतंकवादियों ने मेरे बेटे को अगवा कर लिया. कश्मीर से आतंकियों का 2003 से सफाया नहीं हो सका. जालिमों ने मेरे बेटे को नहीं आने दिया. श्रीनगर के अंदर जो भी नेता लोग बैठे हैं उनको बाहर निकाला जाए. मैं मोदी जी को 72 घंटे देता हूं नहीं तो मैं खुद बदला लेने को तैयार हूं. हम इंडियन आर्मी देश के लिए जान कुर्बान करते हैं, लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं है.”
औरंगजेब के चाचा को भी आतंकियों ने मारा था
यहां आपको यह भी बता दें कि औरंगजेब के चाचा को भी 2004 में आतंकवादियों ने मार डाला था. औरंगजेब के कुल 6 भाई हैं (औरंगजेब और एक भाई सेना में, जबकि बाकी चार पढ़ रहे हैं). औरंगजेब के पिता खुद सेना से रिटायर हुए हैं.
अपहृत सैनिक का गोलियों से छलनी शव मिला
औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव गुरुवार (14 जून) को पुलवामा से बरामद हुआ था. जानकारी के मुताबिक पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला. उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे. उन्होंने बताया कि 4 जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के औरंगजेब फिलहाल शोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार (14 जून) सुबह करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा. आतंकवादियों ने उस वाहन को कालम्पोरा में रोका था और जवान का अपहरण कर लिया था.
ISI के इशारे पर हुई औरंगजेब की हत्या: सूत्र
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में अपनी पकड़ को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ढीला नहीं करना चाहती और इसी वजह से वह भारत के शांति के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने में लगी है. भारतीय सेना के जवान औरंगजेब की हत्या इसी साजिश के तहत आईएसआई ने की और जिस तरीके से बीते गुरुवार (14 जून) को औरंगजेब की हत्या की गई उसके पीछे भी यही मकसद था कि लोगों को… खास तौर पर युवाओं को डराया जाए, ताकि वे सेना में शामिल ना हों.