
लखनऊ। प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना संक्रमण के 1,967 नए मामले आये सामने आए हैं। राज्य में 22,990 एक्टिव मामले हैं। जिनमें 10,846 लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि संक्रमित व्यक्तियों में से आज तक कुल 7,848 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं अब तक कुल 5,18,390 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में रिकवरी की दर 94.4 प्रतिशत है। प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,69,895 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 1,97,88,497 सैम्पल की जांच की गयी है। राज्य में कुल जांच में से अब 40 प्रतिशत आरटीपीसीआर के जरिए की जा रही हैं। नवम्बर के दूसरे पखवाड़े में 42.5 प्रतिशत जांचे आरटीपीसीआर से की गई। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 3,15,814 लोगों ने होम आइसोलेशन की सुविधा प्राप्त की। इनमें से 3,04,968 लोगों ने अपने होम आइसोलेशन की अवधि पूर्ण कर ली है। इन्हें डिस्चार्ज घोषित कर दिया गया है। वहीं निजी चिकित्सालयों में 2,124 लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाकी मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविध का लाभ ले रहे हैं।अब तक 14.58 करोड़ आबादी तक पहुंची स्वास्थ्य टीमें
इसके साथ ही राज्य में सर्विलांस का कार्य बेहद तेजी से जारी है। सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,68,008 क्षेत्रों में 4,74,494 टीम दिवस के माध्यम से 2,98,55,526 घरों में रहने वाली 14,58,12,930 आबादी का सर्वेक्षण किया गया है। ई-संजीवनी पोर्टल का बुधवार को 3,201 लोगों ने उठाया लाभ
इसके साथ ही ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तमाल कर रहे हैं, इस पोर्टल से घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। बुधवार को 3,201 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। वहीं अब तक प्रदेश के 2,45,091 लोगों को इससे लाभ मिला है।
21-40 आयु वर्ग के युवा सबसे अधिक 46.8 प्रतिशत संक्रमित
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल संक्रमित लोगों में से 0-10 वर्ष आयु वाले 3.58 प्रतिशत, 11-20 वर्ष आयु वाले 9.87 प्रतिशत, 21-30 वर्ष आयु वाले 25.37 प्रतिशत, 31-40 वर्ष आयु वाले 21.43 प्रतिशत, 41-50 वर्ष आयु वाले 16.08 प्रतिशत, 51-60 वर्ष आयु वाले 13.30 प्रतिशत और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के 10.37 प्रतिशत मरीज हैं। 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में बढ़ता संक्रमण चिन्ता का विषय है। इनको लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। इनका संक्रमण जहां भले ही दस प्रतिशत से ऊपर है। लेकिन, कुल मौतों में इस आयु वर्ग के लोगों की दर 45 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए बजुर्गों को सार्वजनिक कार्यक्रमों, सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने से परहेज करें।