
- समय के साथ कविता का व्यवसायिक होना आवश्यक
- वीर रस के कवि विनीत चैहान ने नगर में पत्रकारों से की वार्ता
किशनी/मैनपुरी- गुरुवार को देश के वीर रस के प्रसिद्ध कवि विनीत चैहान नगर में पहुंचे। वह फर्रुखाबाद महोत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेने जा रहे थे। उन्होंने कस्बे के गीतकार बलराम श्रीवास्तव के आवास पर पत्रकारों से वार्ता की। कविता के गिरते स्तर के सवाल पर कवि विनीत चैहान ने कहाकि आजकल के मंचों पर चुटकुलों के आ जाने से कविता की गरिमा कभी नहीं गिरेगी। सबका अलग अलग महत्व है। कवियों को ध्यान रखना चाहिये कि जितनी व्यवसायिकता जरूरी है उतना ही साहित्य भी जरूरी है।
आज कवियों को भी समय के मुताबिक आधुनिक होना चाहिये लेकिन कविता की गरिमा का भी ध्यान रखें। कवियों को यश भारती पुरस्कार मिलने के सवाल पर कहाकि कवियों को सर्वाधिक सम्मान मुलायम सिंह यादव सरकार में मिला। यश भारती के साथ पेंशन व 11 लाख की पुरस्कार राशि व मंत्रीपद का दर्जा पूरे देश में यूपी में मुलायम सरकार के अलावा किसी सरकार ने नहीं दिया।
थोड़ी शुरुआत मध्य प्रदेश में हुई थी लेकिन पुरस्कार राशि ज्यादा होने के कारण अन्य प्रदेशों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। भारत चीन के बीच सीमा विवाद पर उन्होंने कहाकि हमारे देश के राजनेताओं ने 75 साल की आजादी के बाद भी सीमा रेखा के विवाद की टेबल पर बात नहीं कर पाई जबकि विश्व में हर देश की सीमाएं स्पष्ट हैं। जिससे रोजाना दोनों देशों के सैनिकों के मध्य तनातनी होती रहती हैं। उन्होंने कविता के माध्यम से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सीमा नहीं खिंचा करती हैं कागज बिछी लकीरों से, ये घटती बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से।