दिव्यांगजन अपने आपको असहाय, उपेक्षित महसूस न करें : डीएम

मैनपुरी – जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने सशक्त दिव्यांग- सशक्त समाज के तहत दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित दिव्यांगजनों को सम्बोन्धित करते हुये कहा कि आप लोग अपने आपको असहाय महसूस न करें, नकारात्मक सोच त्याग कर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें, आप सब सभ्य समाज का अहम हिस्सा है, हमेशा मुस्कुराते रहें, यदि किसी भी दिव्यांग को कोई समस्या हो या योजना का लाभ पाने में असुविधा हो रही हो तो किसी भी कार्य दिवस में उनसे सम्पर्क कर समस्या के सम्बन्ध में बताएं, दिव्यांगजनों की प्रत्येक समस्या की प्राथमिकता पर निदान होगा।

उन्होने कहा कि दिव्यांगजनों को समाज में सम्मान से जीने का अधिकार है, अपने आपको उपेक्षित महसूस न करें इसके लिए केंद्र, प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु योजनाएं संचालित की हैं, ताकि वह भी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो और सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें। उन्होने कहा की दिव्यांगजनों के कल्याण, उनकी समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रदेश सरकार प्रयत्नशील है, दिव्यांगों के कल्याणार्थ तमाम महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित है ताकि दिव्यांगजन अपने को कमजोर महसूस न कर सकें।

     डीएम ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के डीईपीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा 24ग्7 टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरण 1800-599-0019 का शुभारंभ किया गया। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मानसिक रोगों की बढ़ती हुए संख्या को देखते हुए मानसिक रोग से पीड़ित लोगों को राहत और सहायता प्रदान करना है। इस हेल्पलाइन को देश के किसी भी हिस्से से किसी भी दूरसंचार नेटवर्क के किसी भी मोबाइल या लैंड लाइन फोन से टोल फ्री नंबर 1800-599-0019 पर डॉयल करके उपयोग में लाया जा सकता है, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपकी समस्या का समाधान करने में आपकी मदद करेंगे। मनोरोग किसी भी व्यक्ति की भावनात्मक मानसिक स्थिति और सामाजिक कल्याण को प्रभावित कर सकता है। इसके लिए मदद लेना एक सकारात्मक कदम है। जिससे स्वास्थ्य कल्याण और खुशहाली बढ़ती है। 

उन्होने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे लोगों की मदद करना है जो तनाव, चिंता, अवसाद, पैनिक अटैक, तालमेल बैठाने संबंधी विकारों, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, मादक द्रव्यों के सेवन, आत्महत्या के विचारों, महामारी से प्रेरित मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सामना कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इस हेल्पलाइन के उद्देश्यों में शीघ्र जांच (स्क्रीनिंग) सुनिश्चित करना, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक मदद, भारी तनाव को नियंत्रण में करना, मानसिक खुशहाली सुनिश्चित करना, असामान्य व्यवहार की रोकथाम करना, मनोवैज्ञानिक तनाव में कमी लाना और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के पास भेजना शामिल हैं।

     कार्याशाला में अपर जिला जज शक्ति सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमित मिश्रा ने संयुक्त रूप से दिव्यांगजनों के संवैधानिक, विधिक अधिकारों पर विस्तार से जानकारी दी, सी.आर.सी. गोरखपुर के सहायक आचार्य नीरज मधुकर ने दिव्यांगजनों के पुनर्वास, दिव्यांगजनों की पहिचान, निवारण के सम्बन्ध में समेकित शिक्षा के शिक्षा विशेषज्ञों ने जानकारी दी। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आईओसीएल की टूण्डला-गौरिया पाइप लाईन द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को उनके विधिक अधिकारों, संचालित कल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में अवगत कराना है। उन्होने दिव्यांगजनों के सर्वागीण विकास, उनके उत्थान के लिए विभाग की संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, आचार्य टीईपी सेन्टर धीरेन्द्र कुमार यादव, आईओसीएल के प्रतिनिधि मनीष कुमार सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन आदि उपस्थित रहे।