
गोरखपुर। वैश्विक महामारी कोरोना के बढते संक्रमण के बीच गोला नगर पंचायत प्रशासन बिना साबुन व पानी के हैंड वास वेसिन चलाकर कोरोना संक्रमण के खिलाफ रोकथाम का अनूठा अभियान चला रहा। नपं की इस लापरवाहियों की वजह से उपनगर के प्रमुख चौराहों पर लगा सचल हैंड वास वेसिन शोपीस बनकर रह गया है। नपं की यह कार्यशैली लोगों के बीच मजाक बनकर रह गई है।
बता दें वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम को लेकर नगर पंचायत प्रशासन उपनगर के सभी प्रमुख चौराहों पर भोपू लगाकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सेनिटाइजर व साबुन से बार-बार हाथ धोने के लिए ताकिद करते रहता है। जिससे कोरोना का संक्रमण एक लोगों से दूसरे के पास नही पहुंचे। लेकिन भोपू से बजते जागरूकता संदेश के बीच नगर पंचायत की अपनी खुद की कार्यशैली लोगों में मजाक बनकर रह गई है। नगर पंचायत प्रशासन ने कोरोना के पहले लहर के दौर में उपनगर के सभी प्रमुख चौराहों पर सचल हैंड वास वेसिन मशीन लगाया है।
जहां उपनगर में आने-जाने वाले लोग अपने हाथ को बार-बार धोकर कोरोना को मात दे सके। लेकिन सचल हैंड वास वेसिन लगने के कुछ दिन तक तो उस पर नियमित पानी व साबुन व सेनिटाइजर रखा गया। पर कोरोना के घटते संक्रमण के साथ ही नगर पंचायत कर्मियों ने पानी व साबुन रखना छोड़ दिया। जिससे चौराहों पर लगा यह मशीन धूल फांकने लगा। इस समय कोरोना के तेजी से बढते संक्रमण को लेकर शासन-प्रशासन ने निकायों को स्वच्छता व सेनिटाइजर को लेकर पेंच कसे तो नपं गोला ने भी सचल हैंड वास वेसिनों की महीनों बाद सुधि लेते हुए साफ-सफाई कराकर पानी भर दिया। लेकिन एक बार पानी भरने के बाद फिर भूल गई।
इस समय उपनगर के सब्जी मण्डी, पश्चिमी चौराहा, बैंकों के पास पर लगे हैंड वास वेसिन में ना तो पानी है, और ना ही वहां साबुन व सेनिटाइजर रखा गया है। बिना साबुन व पानी के हैंड वास वेसिन लोगों के बीच शोपीस व मजाक बनकर रह गया। उपनगर में आने वाले बसंत, राजेश व धर्मेंद्र आदि राहगीरों ने हैंड वास वेसिन मशीन देखकर खुशी हुई। कि चलों काम करने के बाद अपने हाथ को साबुन लगाकर अच्छे से धोकर कोरोना को मात देंगे। लेकिन नजदीक जाने पर मशीन पर ना ही साबुन रखा था और ना ही पानी उसमें पानी ही रखा गया था। जिससे हाथ को साफ किया जा सके। इस संबंध में नगर पंचायत गोला के अधिशासी अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह से जानकारी लेने के सम्पर्क किया गया। पर उनसे सम्पर्क नही हो सका। उनका पक्ष मिलने के बाद उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।