नयी दिल्ली : मद्रास उच्च न्यायालय ने 18 विधायकों को झटका देते हुए विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराते हुए उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा है। मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एम सत्यनारायण ने स्पीकर के उस फैसले को बरकरार रखा जिसके तहत उन्होंने एआईएडीएमके के 18 विधायकों की अयोग्य करार दिया था। यह फैसला टीटीवी दिनाकरन के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
18 AIADMK MLAs disqualification case: Madras High Court upholds Tamil Nadu speaker's decision. pic.twitter.com/YkaikZU3NT
— ANI (@ANI) October 25, 2018
अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पलानीस्वामी ने कहा
‘हम उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। यदि 18 विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनावों की घोषणा होती है तो अम्मा की सरकार उन सभी पर जीत हासिल करेगी। बाकी की चीजों पर चुनाव आयोग फैसला करेगा।’ न्यायालय के फैसले के बाद एआईएडीएमके के समर्थकों ने मिठाई बांटकर और पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त की थी।
लगभग एक साल से ज्यादा समय पहले एआईएडीएमके के 18 विधायकों को स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिया गया था। गुरुवार सुबह उनके भाग्य का फैसला हो गया है। तीसरे जज जस्टिस एम सत्यनारायण इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें अयोग्य घोषिट कर दिया। इस बड़े राजनीतिक मामले में उच्चतम न्यायालय ने जस्टिस सत्यनारायण को तीसरे जज के तौर पर नियुक्त किया था। इससे पहले जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एम सुंदर ने अलग-अलग आदेश दिया था।
It is not a setback for us. This is an experience, we will face the situation. Future course of action will be decided after meeting with the 18 MLAs: TTV Dinakaran on disqualification of 18 AIADMK MLAs upheld by Madras HC pic.twitter.com/yg1K9VDSLb
— ANI (@ANI) October 25, 2018
12 दिनों की सुनवाई के बाद 31 अगस्त को जस्टिस सत्यनारायण ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन 18 विधायकों के भाग्य का फैसला पूरी तरह से तीसरे जज पर निर्भर करता था। इन सभी विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद इन्होंने फैसले को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इन सभी विधायकों को अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
This is a victory for dharma & a slap in the face of traitors & cheaters. Even if an appeal is filed, we are sure that truth only will win: Tamil Nadu Deputy Speaker Pollachi V Jayaraman on disqualification of 18 AIADMK MLAs upheld by Madras High Court pic.twitter.com/D3ifZceloQ
— ANI (@ANI) October 25, 2018
14 जून को पहली बेंच ने जो फैसला सुनाया था उसमें दोनों जजों में एक राय नहीं बन पाई थी। जहां तत्कालीन जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को कायम रखते हुए सभी विधायकों को अयोग्य ठहराया था। वहीं जस्टिस एम सुंदर ने दुराग्रह, अनुपालन के आधार पर सभी विधायकों की योग्यता बरकरार रखी थी। इस फैसले के बाद उच्च न्यायालय के जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश ने तीसरे जज के तौर पर जस्टिस एस विमला को नियुक्त किया था।
जज की नियुक्ति से नाखुश एक विधायक ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मामले की सुनवाई अपने पास हस्तांतरित करने की अपील की। जिसके बाद 27 जून को उच्चतम न्यायालय ने जस्टिस सत्यनारायण की तीसरे जज के तौर पर नियुक्ति की। यदि न्यायालय आज स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती है तो विधानसभा में वर्तमान सरकार को बहुमत सिद्ध करना पड़ेगा। जिसके लिए पलानीस्वामी को विधायकों की पर्याप्त संख्या जुटाने में परेशानी हो सकती है।