लखनऊ: चुनावी बिगुल बज चूका है. आगामी चुनाव 2019 लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है. इस चुनाव में सबसे असम मुद्दा सिर्फ राम मंदिर का मुद्दा अहम है। इसी मुद्दे पर तोगड़िया ने अयोधया में भाजपा सरकार पर हमला बोलै है बताते चले संघ, सरकार व संगठन के 300 पदाधिकारियों के साथ बुधवार को छह घंटे चली भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक में मुद्दे भी छह प्रमुख रहे। पहले चरण की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद गरमाया राम मंदिर का मुद्दा सबसे अहम रहा। संघ ने राम मंदिर को लेकर अपना पक्ष रखा तो वहीं भाजपा अध्यक्ष ने भी राम मंदिर बनने पर जोर दिया।
इसके साथ ही सीएम योगी की कैबिनेट के कार्यों की समीक्षा हुई। अलग से हुई बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार-निगम की घोषणा जल्द से जल्द को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान यूपी में दोबारा लोकसभा सीट का प्रदर्शन दोहराने को लेकर मिशन 2019 जीतने पर मंथन हुआ।
भागवत के बयान पर सहमति, अयोध्या में बढ़ेगी हलचल, विहिप मनाएगी भव्य शौर्य दिवस
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कानून व्यवस्था पर हुई चर्चा
कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती और हीलाहवाली करने वाली अधिकारियों पर कार्यवाही हो। संगठन पर ढुलमुल रवैया अपनाने को लेकर सुनील बंसल और अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय पर कड़ाई करने की निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ नेताओं से तालमेल बैठाने और कार्यकताओं को तवज्जो देने पर चर्चा हुई। फिलहाल मीडिया को इस पूरी बैठक से दूर रखा गया।
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राम मंदिर पर मंथन, अयोध्या में बढ़ेगी हलचल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ राम मंदिर पर करीब एक घंटे मंथन हुआ। 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो रही सुनवाई के साथ संघ और भाजपा के नेताओं को अयोध्या में हलचल बढ़ाने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है 6 दिसंबर को संघ का सहयोगी विहिप संगठन शौर्य दिवस को भव्य रुप दे सकता है। जिस पर भाजपा का पूरा सहयोग रहेगा।
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सरकार के कामकाज पर जताई नाराजगी
संघ ने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संघ पदाधिकारियों ने सरकार के अधिकारियों के रवैए पर असंतोष जताया है। संघ ने मूल कार्यकताओं की उपेक्षा की बात बैठक में रखी है। यहां तक संघ को मिल रहे फीडबैक पर नोटा पर लोग वोट न डालें इस पर भी चर्चा हुई है।
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हम हार भूलते नहीं…..
सूत्र बताते है कि अमित शाह ने मंत्रियों के साथ उनके अनुभव साझा करने के साथ ही कार्यकर्ताओं से समन्वय और सामंजस्य बनाने के निर्देश दिए। सूत्र बताते हैं कि यूपी के उपचुनाव में मिली हर हार को हाईकमान भूला नही है। इस हार को गंभीरता से लेने के लिए राज्य सरकार और प्रदेश संगठन को जमीन स्तर बने रहने की बात कही गई है।
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मंत्री मंडल पर अलग से हुई बैठक
संघ, सरकार और संगठन के पदाधिकारियों के साथ 11:30 बजे शुरू हुई, जो शाम 5:30 बजे सम्पन्न हुई। इसके बाद करीब 30 मिनट की बैठक संघ के शीर्ष डॉ कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह, दत्तात्रेय होसबोले सह सरकार्यवाह और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पांडेय संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ अमित शाह ने बैठक की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब एक दर्जन लोकसभा सीट पर मंत्री को चुनाव लड़ाने की योजना भाजपा बना रही है। इसको लेकर मंत्री मंडल में जातीय समीकरण के साथ विस्तार करने पर चर्चा हुई है। सूत्र बताते है 28 अक्टूबर के आस-पास कभी भी मंत्री मंडल विस्तार हो सकता है।